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पाकिस्तान में HQ-9B वायु रक्षा प्रणाली की विफलता: ऑपरेशन सिंदूर की कहानी

पाकिस्तान की HQ-9B वायु रक्षा प्रणाली ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान अपनी क्षमता साबित करने में असफलता का सामना किया। इस लेख में जानें कि कैसे यह प्रणाली भारत के हमलों के सामने कमजोर साबित हुई और इसके पीछे के कारण क्या थे। क्या यह प्रणाली वास्तव में इतनी प्रभावी है? जानने के लिए पूरा लेख पढ़ें।
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HQ-9B वायु रक्षा प्रणाली का परिचय

HQ-9B वायु रक्षा प्रणाली एक अत्याधुनिक हथियार है, लेकिन पाकिस्तान में यह अपनी क्षमता साबित करने में असफल रही। 'ऑपरेशन सिंदूर' के दौरान, यह प्रणाली अपेक्षित परिणाम नहीं दे सकी।


ऑपरेशन सिंदूर और पाकिस्तान की स्थिति

ऑपरेशन सिंदूर के दौरान, पाकिस्तान के पास चीनी निर्मित HQ-9B प्रणाली थी, जिसे विश्व स्तर पर एक मजबूत रक्षा प्रणाली माना जाता है। हालांकि, इस ऑपरेशन में यह प्रणाली विफल रही।


चीन द्वारा ईरान को दी गई तकनीक

चीन ने अब अपनी HQ-9B वायु रक्षा प्रणाली को ईरान को सौंप दिया है। यह प्रणाली दुश्मन के विमानों, ड्रोन, क्रूज़ मिसाइलों और कुछ हद तक बैलिस्टिक मिसाइलों को रोकने के लिए डिज़ाइन की गई है।


HQ-9B की विशेषताएँ

HQ-9B प्रणाली, जो रूसी S-300 प्रणाली से प्रेरित है, में अमेरिकी और इज़राइली तकनीक का भी समावेश है। यह रडार की सहायता से दुश्मन के विमानों या मिसाइलों का पता लगाती है और उन्हें हवा में ही नष्ट कर देती है।


पाकिस्तान में HQ-9B की स्थिति

पाकिस्तान ने 2021 में इस प्रणाली को अपनी सेना में शामिल किया था, इसे अपनी वायु रक्षा का सबसे मजबूत हथियार माना गया। लेकिन भारत के ऑपरेशन सिंदूर में इसकी कई इकाइयाँ नष्ट हो गईं।


भारत के हमले और HQ-9B की विफलता

भारत ने पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) में आतंकवादी शिविरों पर हमले किए, जिसमें ब्रह्मोस मिसाइलों और फ्रांसीसी स्कैल्प क्रूज़ मिसाइलों का उपयोग किया गया। HQ-9B इन हमलों को रोकने में असफल रहा।