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प्रधानमंत्री मोदी का योग दिवस पर संदेश: एकता और स्वास्थ्य का महत्व

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर विशाखापत्तनम में एक प्रेरणादायक संदेश दिया, जिसमें उन्होंने स्वास्थ्य और विकास के बीच संबंध को उजागर किया। 'One Earth, One Health' के थीम के तहत आयोजित इस समारोह में 2 लाख से अधिक लोगों ने भाग लिया। मोदी ने आंध्र प्रदेश की विकास योजनाओं की सराहना की और योग को जीवनशैली में शामिल करने के लिए जागरूकता अभियान की बात की। जानें इस विशेष अवसर पर मोदी के विचार और योग के महत्व के बारे में।
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प्रधानमंत्री मोदी का योग दिवस पर संदेश: एकता और स्वास्थ्य का महत्व

योग दिवस का महत्व

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर विशाखापत्तनम में एक प्रेरणादायक संदेश दिया, जो भारत को एकता और स्वस्थ जीवन की ओर अग्रसर करने के लिए प्रेरित करता है। इस वर्ष का आयोजन 21 जून को हुआ, जिसमें मोदी मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए। "One Earth, One Health" के थीम के तहत लगभग 2 लाख लोगों ने इस समारोह में भाग लिया। राज्य सरकार ने योग को जीवनशैली में शामिल करने के लिए चार सप्ताह का जागरूकता अभियान चलाया, जो जिले, विधानसभा क्षेत्र, गाँव और संस्थानों तक फैला।


मोदी ने पर्वतीय क्षेत्रों से लेकर समुद्र तट तक पूरे देश को योगमय बनाने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि चाहे लोग 14,000 फीट की ऊँचाई पर हों या समुद्र के किनारे, योग हर जगह जीवन में ऊर्जा भरता है।


विशाखापत्तनम में नए विकास परियोजनाओं का उद्घाटन करते हुए मोदी ने लगभग 2 लाख करोड़ रुपये की योजनाओं का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य और विकास का संबंध गहरा है; जब तक हर क्षेत्र में सुधार और धन की समान पहुंच नहीं होती, तब तक स्वस्थ जीवन का लक्ष्य हासिल नहीं किया जा सकता।


आंध्र प्रदेश को मॉडल राज्य बताते हुए मोदी ने इसकी नीली अर्थव्यवस्था, ग्रीन हाइड्रोजन पहल और स्मार्ट शहर योजनाओं की सराहना की। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य और विकास एक साथ चलते हैं; जहां स्वास्थ्य ठीक नहीं, वहां विकास भी स्थायी नहीं हो सकता।


मोदी ने 'योग-आंध्र 2025' अभियान की प्रशंसा की, जिसमें दस लाख से अधिक लोगों को नियमित योग करने के लिए प्रेरित किया गया। उन्होंने बताया कि योग केवल शारीरिक लाभ नहीं देता, बल्कि यह मानसिक और सामाजिक सुदृढ़ता भी प्रदान करता है।