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बिहार में फर्जी दारोगा की अनोखी कहानी: 5 साल तक परिवार को धोखा देता रहा

बिहार के अररिया जिले में एक युवक ने पांच साल तक फर्जी दारोगा बनकर अपने परिवार को धोखा दिया। उसने दारोगा की परीक्षा में असफल होने के बाद झूठ बोला कि वह सफल हो गया है। इस दौरान उसकी पत्नी को भी इस बात का पता नहीं चला। उसकी कहानी तब सामने आई जब वह एक महिला के मामले की पैरवी करने एसपी ऑफिस पहुंचा। पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया है और अब उसकी ठगी के मामलों की जांच कर रही है।
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बिहार में फर्जी दारोगा की अनोखी कहानी: 5 साल तक परिवार को धोखा देता रहा

फर्जी दारोगा की हैरान कर देने वाली कहानी

अररिया: बिहार के अररिया जिले में एक युवक ने 'मुन्ना भाई' स्टाइल में फर्जीवाड़ा किया, जिससे पुलिस भी हैरान रह गई। दारोगा की परीक्षा में असफल होने के बाद, उसने अपने परिवार से झूठ बोला और पांच साल तक नकली वर्दी और पिस्तौल के सहारे फर्जी दारोगा बनकर जीवन बिताया। इस दौरान उसकी शादी भी हुई, और उसकी पत्नी उसे रोज टिफिन बनाकर ड्यूटी पर भेजती रही। इस युवक का भांडा तब फूटा जब वह एक महिला के मामले की पैरवी करने एसपी ऑफिस पहुंचा।


एसपी ऑफिस में शक की शुरुआत

घटना अररिया के नगर थाना क्षेत्र की है। पुलिस के अनुसार, मधेपुरा जिले के सिंघेश्वर थाना क्षेत्र का निवासी रणवीर कुमार (32) पुलिस की वर्दी पहनकर एक महिला के केस की पैरवी करने एसपी कार्यालय पहुंचा। वहां मौजूद असली पुलिसकर्मियों को उसकी चाल-ढाल और हाव-भाव पर शक हुआ। पुलिसकर्मियों ने नगर थानाध्यक्ष मनीष कुमार रजक को सूचित किया। जैसे ही वह ऑफिस से बाहर निकला, पुलिस ने उसे रोक लिया। जब उससे पुलिस की कार्यप्रणाली और अधिकारियों के बारे में सवाल पूछे गए, तो वह बगले झांकने लगा और उसकी पोल खुल गई।


2018 में फेल, 2024 में पकड़ा गया

कड़ाई से पूछताछ करने पर आरोपी ने एक फिल्मी कहानी सुनाई। उसने बताया कि 2018 में उसने दारोगा भर्ती की परीक्षा दी थी, लेकिन वह फेल हो गया। समाज और परिवार की इज्जत बचाने के लिए उसने झूठ बोला कि उसका चयन हो गया है। इस 'कामयाबी' की खुशी में परिजनों ने धूमधाम से उसकी शादी कर दी। ससुराल वाले भी दारोगा दामाद पाकर खुश थे। परिवार को शक न हो, इसलिए वह पूर्णिया और कटिहार जैसे अलग-अलग जिलों में रहता था ताकि सबको लगे कि उसकी पोस्टिंग बदल रही है।


पत्नी को नहीं था सच का पता

रणवीर की पत्नी को शादी के पांच साल बाद भी यह नहीं पता चला कि उसका पति पुलिसवाला नहीं है। वह वर्तमान में अररिया के फारबिसगंज स्थित गोरियारी में पत्नी और चार साल के बच्चे के साथ रह रहा था। पत्नी रोज सुबह उसे तैयार कर खाना देती और वह वर्दी पहनकर घर से निकल जाता। असल में वह ग्रामीण इलाकों में लोगों को पुलिस का धौंस दिखाकर और थानों में काम करवाने के नाम पर ठगी करता था। पुलिस ने उसके पास से नकली पिस्टल और वर्दी बरामद की है।


माता-पिता का विश्वास

पुलिस की गिरफ्तारी के बाद जहां पत्नी के पैरों तले जमीन खिसक गई है, वहीं आरोपी के माता-पिता अभी भी सदमे में हैं। उनका कहना है कि उनका बेटा तो खुद दारोगा है, पुलिस उसे कैसे पकड़ सकती है? फिलहाल, नगर थाना पुलिस ने आरोपी के खिलाफ धोखाधड़ी, सरकारी वर्दी का दुरुपयोग और रंगदारी जैसी गंभीर धाराओं में मामला दर्ज कर उसे जेल भेज दिया है। पुलिस अब यह भी जांच रही है कि इन पांच सालों में उसने कितने लोगों को अपनी ठगी का शिकार बनाया है।