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ब्रिटेन में चावल की खेती: जलवायु परिवर्तन का नया प्रयोग

ब्रिटेन में चावल की खेती का एक अनोखा प्रयोग जलवायु परिवर्तन के चलते संभव हुआ है। पारिस्थितिकी और जल विज्ञान केंद्र की नादिन मित्सुनास के अनुसार, अगले दशक में चावल ब्रिटेन के लिए एक महत्वपूर्ण फसल बन सकता है। कैंब्रिजशायर में चल रहे इस प्रयोग में किसान सारा टेलर और उनके पति क्रेग शामिल हैं। शोधकर्ताओं का मानना है कि यदि औसत तापमान में वृद्धि होती है, तो चावल की खेती का विस्तार संभव है। जानें इस प्रयोग की पूरी कहानी और इसके भविष्य की संभावनाएं।
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ब्रिटेन में चावल की खेती: जलवायु परिवर्तन का नया प्रयोग

ब्रिटेन में चावल की खेती का अनोखा प्रयोग

ब्रिटेन, जो आमतौर पर गेहूं और जौ जैसी फसलों के लिए जाना जाता है, अब चावल की खेती में एक अनोखा प्रयोग कर रहा है। सामान्यतः, ब्रिटेन का समशीतोष्ण जलवायु चावल के लिए अनुकूल नहीं माना जाता, लेकिन जलवायु परिवर्तन ने इसे संभव बना दिया है। पारिस्थितिकी और जल विज्ञान केंद्र की नादिन मित्सुनास, जो ब्रिटेन की पहली महिला चावल उत्पादक हैं, ने कहा,  “लोगों को लगता है कि मैं मजाक कर रही हूं, लेकिन 10 साल पहले जिन फसलों को असंभव माना जाता था, वे अब व्यवहारिक हो सकती हैं। अगले दशक में चावल ब्रिटेन के लिए एकदम सही फसल हो सकता है.”


जलवायु परिवर्तन और खेती

यह प्रयोग कैंब्रिजशायर में किसान सारा टेलर और उनके पति क्रेग की चार छोटी खेतों पर किया जा रहा है। सारा ने बताया कि फसल अच्छी स्थिति में है। यह खबर तब सुर्खियों में आई जब ब्रिटेन ने 1884 के बाद का सबसे गर्म ग्रीष्मकाल अनुभव किया। इस परियोजना का नेतृत्व कर रहे प्रोफेसर रिचर्ड पायवेल ने कहा, “यह चावल की खेती की सीमा है, और वाणिज्यिक स्तर पर यह जोखिम भरा हो सकता है.”


भविष्य की संभावनाएं

शोधकर्ताओं का मानना है कि यदि ब्रिटेन का औसत तापमान 2-4 डिग्री सेल्सियस बढ़ता है, तो चावल की खेती व्यापक रूप से संभव हो सकती है। यह प्रयोग भविष्य में ब्रिटेन में खाद्य उत्पादन की नई संभावनाओं को तलाशने का प्रयास है.