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भारत का AI गवर्नेंस फ्रेमवर्क: पीएम मोदी ने पेश की नई तकनीकी दिशा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नई दिल्ली में आयोजित ESTIC 2025 में भारत के AI गवर्नेंस फ्रेमवर्क का ऐलान किया, जो अगले वर्ष लागू होगा। यह फ्रेमवर्क मानव-केंद्रित और नैतिक AI के लिए एक वैश्विक मानक स्थापित करेगा। मोदी ने रिसर्च और इनोवेशन के लिए 1 लाख करोड़ रुपये के कोष की भी घोषणा की। इसके अलावा, भारत फरवरी 2026 में 'ग्लोबल AI समिट' की मेज़बानी करेगा। जानें इस नई पहल के पीछे के उद्देश्य और भारत की तकनीकी दिशा के बारे में।
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भारत का AI गवर्नेंस फ्रेमवर्क: पीएम मोदी ने पेश की नई तकनीकी दिशा

भारत मंडपम में पीएम मोदी का ऐलान


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को नई दिल्ली के भारत मंडपम में आयोजित Emerging Science, Technology and Innovation Conclave (ESTIC 2025) में विज्ञान और तकनीक के क्षेत्र में भारत की नई दिशा का अनावरण किया। उन्होंने बताया कि देश अब मानव-केंद्रित और नैतिक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के लिए एक वैश्विक ढांचा तैयार कर रहा है।


AI गवर्नेंस फ्रेमवर्क का महत्व

पीएम मोदी ने जानकारी दी कि भारत का AI गवर्नेंस फ्रेमवर्क अगले वर्ष लागू होगा, जो वैश्विक मानक स्थापित करेगा। उन्होंने कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के बढ़ते उपयोग के साथ, इसका जिम्मेदारी और पारदर्शिता से उपयोग आवश्यक है। सरकार इस दिशा में एक AI गवर्नेंस फ्रेमवर्क पर कार्य कर रही है, जो यह निर्धारित करेगा कि AI का उपयोग किन क्षेत्रों में किया जा सकता है।


उन्होंने यह भी कहा कि AI का उपयोग मानवता के कल्याण के लिए होना चाहिए, न कि इसके खिलाफ। भारत इस दिशा में एक जिम्मेदार और मानव-केंद्रित दृष्टिकोण प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है।


रिसर्च और इनोवेशन के लिए नई योजना

इस कार्यक्रम में पीएम मोदी ने रिसर्च, डेवलपमेंट एंड इनोवेशन स्कीम की शुरुआत की। उन्होंने बताया कि इस योजना के तहत सरकार ने 1 लाख करोड़ रुपये का कोष बनाया है, जिससे निजी क्षेत्र और स्टार्टअप्स को रिसर्च और इनोवेशन के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। इसका उद्देश्य AI, रोबोटिक्स, क्वांटम कंप्यूटिंग और डीप टेक्नोलॉजी जैसे क्षेत्रों में निवेश को बढ़ावा देना है।


मोदी ने कहा कि जैसे हमने 'ईज ऑफ डूइंग बिजनेस' को आगे बढ़ाया, अब 'ईज ऑफ डूइंग रिसर्च' का समय है ताकि भारत इनोवेशन की नई राजधानी बन सके।


Global AI Summit की मेज़बानी

प्रधानमंत्री मोदी ने यह भी बताया कि भारत फरवरी 2026 में 'ग्लोबल AI समिट' की मेज़बानी करेगा। इस समिट का उद्देश्य दुनिया भर के विशेषज्ञों, उद्योगपतियों और नीति निर्माताओं को एकत्रित कर एथिकल और इनक्लूसिव AI पर वैश्विक चर्चा को आगे बढ़ाना है।


उन्होंने कहा कि भारत का लक्ष्य है कि टेक्नोलॉजी मानवता को सशक्त बनाए, न कि उसे प्रतिस्थापित करे।


भारत का तकनीकी आत्मविश्वास

गौरतलब है कि Google, OpenAI और अन्य टेक कंपनियों ने पहले ही भारत में AI इंफ्रास्ट्रक्चर और रिसर्च निवेश की घोषणा की है। पीएम मोदी ने इसे भारत के बढ़ते तकनीकी आत्मविश्वास का संकेत बताया। उन्होंने अंत में कहा कि AI और इनोवेशन के क्षेत्र में भारत केवल उपभोक्ता नहीं, बल्कि वैश्विक नेता बनने की दिशा में अग्रसर है।