भारत की हवाई यात्रा में नई ऊंचाइयाँ: 2024 में 241 मिलियन यात्रियों की संख्या

भारत की हवाई यात्रा का विकास
एक समय था जब हवाई यात्रा को भारत में एक विशेषाधिकार माना जाता था, लेकिन अब देश की हवाई सेवाएं तेजी से वैश्विक बाजारों में अपनी पहचान बना रही हैं। 2024 में, भारत ने विमानन क्षेत्र में नई ऊंचाइयों को छूते हुए अपनी वैश्विक उपस्थिति को और मजबूत किया है।
IATA के आंकड़े
IATA द्वारा जारी वर्ल्ड एयर ट्रांसपोर्ट स्टैटिस्टिक्स (WATS) के अनुसार, भारत ने 2024 में कुल 241 मिलियन हवाई यात्रियों को सेवा प्रदान की, जिससे वह जापान (205 मिलियन यात्रियों) से आगे निकल गया। भारत की वार्षिक वृद्धि दर 11.1% रही, जो कई विकसित देशों से अधिक है। अमेरिका 876 मिलियन यात्रियों के साथ पहले स्थान पर है, इसके बाद चीन (741 मिलियन), यूके (261 मिलियन) और स्पेन (241 मिलियन) का स्थान है। भारत अब स्पेन के बहुत करीब पहुंच गया है।
मुंबई-दिल्ली रूट की लोकप्रियता
मुंबई–दिल्ली रूट बना दुनिया का सातवां व्यस्ततम मार्ग
IATA की रिपोर्ट में भारत के घरेलू विमानन नेटवर्क की सराहना की गई है। मुंबई से दिल्ली का हवाई मार्ग दुनिया का सातवां सबसे व्यस्त रूट बन गया है, जहां 2024 में 5.9 मिलियन यात्रियों ने उड़ान भरी। एशिया-पैसिफिक क्षेत्र के रूट्स इस सूची में प्रमुख रहे, जिसमें दक्षिण कोरिया का जेजू–सियोल रूट पहले स्थान पर रहा (13.2 मिलियन यात्रियों के साथ)। सऊदी अरब का जेद्दाह–रियाद एकमात्र गैर-एशियाई रूट था जो टॉप-10 में शामिल हुआ।
प्रीमियम क्लास यात्रा में वृद्धि
प्रीमियम क्लास ट्रैवल में भी बढ़ोतरी
वैश्विक स्तर पर हवाई यात्रा में प्रीमियम क्लास (बिज़नेस और फर्स्ट क्लास) की मांग में भी वृद्धि देखी गई है। 2024 में इसमें 11.8% की वृद्धि हुई, जो इकॉनमी क्लास की 11.5% वृद्धि से थोड़ी अधिक है। कुल 116.9 मिलियन यात्रियों ने प्रीमियम क्लास में यात्रा की, जो अंतरराष्ट्रीय यात्रियों का लगभग 6% हिस्सा है। एशिया-पैसिफिक क्षेत्र में प्रीमियम यात्राओं में 22.8% की वृद्धि हुई, जबकि इकॉनमी ट्रैवल 28.6% की दर से तेजी से बढ़ा।
विमानों का दबदबा
बोइंग और एयरबस विमानों का दबदबा बरकरार
जहां तक विमानों की बात है, बोइंग और एयरबस के नैरो-बॉडी जेट्स 2024 में भी वैश्विक विमानन की रीढ़ बने रहे। बोइंग 737 ने सबसे अधिक 10 मिलियन उड़ानें भरीं और 2.4 ट्रिलियन Available Seat Kilometres (ASKs) का आंकड़ा हासिल किया। इसके बाद एयरबस A320 रहा, जिसने 7.9 मिलियन उड़ानें और 1.7 ट्रिलियन ASKs दर्ज किए। एयरबस A321 ने भी 3.4 मिलियन उड़ानों और 1.1 ट्रिलियन ASKs के साथ महत्वपूर्ण योगदान दिया।