भारत में इलेक्ट्रिक कार निर्माण में तेजी लाएंगे स्कोडा-फॉक्सवैगन और मर्सिडीज

भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों का निर्माण
नई दिल्ली: भारत में 'मेक इन इंडिया' पहल को एक नई दिशा मिलने वाली है। प्रमुख ऑटोमोबाइल कंपनियाँ, जैसे स्कोडा-फॉक्सवैगन और मर्सिडीज-बेंज, अब देश में इलेक्ट्रिक कारों के निर्माण की योजना बना रही हैं। इन कंपनियों ने भारत में बड़े निवेश की योजना बनाई है, जिससे इलेक्ट्रिक वाहन (EV) क्षेत्र को मजबूती मिलेगी।
सरकार का समर्थन और नई नीतियाँ सरकार भी इस दिशा में कंपनियों को प्रोत्साहित करने के लिए सक्रिय है। भारी उद्योग मंत्रालय ने हाल ही में इलेक्ट्रिक वाहन निर्माण के लिए नए दिशा-निर्देश जारी किए हैं। इसके तहत, भारत में उत्पादन शुरू करने वाली कंपनियों को कई प्रोत्साहन और कर छूटें दी जाएंगी। केंद्रीय मंत्रालय के अनुसार, इन पहलों का उद्देश्य इलेक्ट्रिक पैसेंजर वाहनों के घरेलू उत्पादन को बढ़ावा देना और भारत को EV निर्माण का वैश्विक केंद्र बनाना है।
टेस्ला की स्थिति जहां स्कोडा-फॉक्सवैगन और मर्सिडीज भारत में निर्माण शुरू करने की योजना पर काम कर रही हैं, वहीं अमेरिकी इलेक्ट्रिक कार निर्माता टेस्ला की स्थिति अभी स्पष्ट नहीं है। केंद्रीय भारी उद्योग मंत्री एचडी कुमारस्वामी ने हाल ही में कहा कि, "टेस्ला फिलहाल केवल भारत में अपने शोरूम खोलने की योजना बना रही है। वे कार निर्माण में रुचि नहीं दिखा रहे हैं।" हालांकि, मंत्रालय के सचिव कामरान रिजवी ने कहा, "कंपनी की असली मंशा हमें तभी स्पष्ट रूप से पता चलेगी जब वे औपचारिक आवेदन करेंगे।"
स्थानीय उत्पादन के लाभ स्थानीय उत्पादन से भारत में इलेक्ट्रिक कारों की कीमतों में कमी संभव है। इसके साथ ही, मैन्युफैक्चरिंग, रिसर्च और सप्लाई चेन क्षेत्र में नए रोजगार के अवसर पैदा होंगे। भारत सरकार का ग्रीन मोबिलिटी मिशन और 'नेट जीरो कार्बन एमिशन' लक्ष्य भी मजबूत होगा। भारत में EV क्षेत्र तेजी से विकसित हो रहा है, और स्कोडा-फॉक्सवैगन, मर्सिडीज जैसी कंपनियों की भागीदारी से इसमें नई जान आएगी। यदि टेस्ला भी निर्माण की दिशा में आगे बढ़ती है, तो भारत का EV भविष्य और भी उज्जवल हो सकता है।