भारत में ऑनलाइन गेमिंग पर नया कानून: रियल मनी गेम्स पर रोक

भारत में रियल मनी गेमिंग पर प्रतिबंध
नई दिल्ली। भारत की प्रमुख रियल मनी गेमिंग कंपनियों जैसे ड्रीम स्पोर्ट्स, गेम्सक्राफ्ट, मोबाइल प्रीमियर लीग (एमपीएल) और जूपी ने सरकार द्वारा पारित 'प्रमोशन एंड रेगुलेशन ऑफ ऑनलाइन गेमिंग बिल 2025' के बाद अपने प्लेटफॉर्म पर रियल मनी गेम्स को निलंबित कर दिया है।
इस नए कानून ने उन सभी ऑनलाइन गेम्स पर रोक लगा दी है, जिनमें खिलाड़ी वित्तीय लाभ की उम्मीद में पैसे लगाते हैं।
इसके अतिरिक्त, इस कानून ने अधिकारियों को किसी भी परिसर की तलाशी लेने और बिना वारंट के किसी भी व्यक्ति को गिरफ्तार करने का अधिकार दिया है।
ड्रीम स्पोर्ट्स ने अपने नए फैंटेसी स्पोर्ट्स ऐप ड्रीम पिक्स और कैजुअल आरएमजी ऐप ड्रीम प्ले पर सभी 'पे टू प्ले' प्रतियोगिताओं को निलंबित कर दिया है। हाल के महीनों में कंपनी ने दोनों ऐप लॉन्च किए थे।
एक नोटिस में कहा गया है कि 'प्रमोशन एंड रेगुलेशन ऑफ ऑनलाइन गेमिंग बिल 2025' से संबंधित हालिया घटनाक्रमों के मद्देनजर, हम अपने प्लेटफॉर्म पर सभी 'पे टू प्ले' फैंटेसी स्पोर्ट्स प्रतियोगिताओं को रोक रहे हैं। आपका अकाउंट बैलेंस सुरक्षित है और आप ड्रीम11 ऐप से पैसे निकाल सकते हैं।
एक अन्य आरएमजी प्लेटफॉर्म, ज़ूपी ने भी घोषणा की है कि उसने अपने प्लेटफॉर्म पर सभी 'पेड गेम्स' को निलंबित कर दिया है।
ज़ूपी के प्रवक्ता ने कहा कि ज़ूपी पूरी तरह से चालू रहेगा और हमारे खिलाड़ी अपने पसंदीदा गेम्स का आनंद लेते रहेंगे। नए ऑनलाइन गेमिंग बिल 2025 के अनुसार, हम पेड गेम्स बंद कर रहे हैं, लेकिन लूडो सुप्रीम, लूडो टर्बो, स्नेक्स एंड लैडर्स और ट्रंप कार्ड मेनिया जैसे लोकप्रिय मुफ्त गेम सभी उपयोगकर्ताओं के लिए उपलब्ध रहेंगे।
मोबाइल प्रीमियर लीग (एमपीएल) और गेम्सक्राफ्ट जैसे अन्य प्लेटफॉर्म ने भी अपने पैसे से संबंधित गेमिंग विकल्पों को निलंबित कर दिया है और ग्राहकों को आश्वासन दिया है कि वे अपनी शेष राशि आसानी से निकाल सकते हैं।
सरकार ने ऑनलाइन मनी गेमिंग के बढ़ते चलन को देखते हुए यह बिल पेश किया, जिससे लत, वित्तीय नुकसान और अपराध में वृद्धि हुई है।
इस बिल में आरएमजी की पेशकश करने वालों के लिए 3 साल की कैद और 1 करोड़ रुपए के जुर्माने का प्रावधान है। इसके अलावा, खेलों के विज्ञापन, प्रमोशन और स्पॉन्सरशिप के लिए 2 साल की जेल या 50 लाख रुपए के जुर्माने का प्रावधान है।