भारत में नया इनकम टैक्स कानून: क्या बदलने वाला है 2026 से?

नया इनकम टैक्स कानून लागू होने की तैयारी
नया इनकम टैक्स कानून अधिसूचित: भारत में टैक्स प्रणाली को सरल और आधुनिक बनाने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए, इनकम टैक्स बिल 2025 को राष्ट्रपति की स्वीकृति मिल गई है। इसे अब अधिसूचित किया गया है और यह कानून 1 अप्रैल 2026 से प्रभावी होगा। यह नया कानून 1961 के इनकम टैक्स कानून की जगह लेगा और इसमें कई महत्वपूर्ण बदलाव शामिल हैं।
कानून की पृष्ठ संख्या में कमी
नए कानून की पृष्ठ संख्या लगभग आधी
सरकार का दावा है कि इस नए बिल के माध्यम से टैक्स कानून को समझना और लागू करना आसान होगा। पहले जहां इनकम टैक्स एक्ट सैकड़ों पन्नों में फैला हुआ था, वहीं अब इसकी पृष्ठ संख्या लगभग आधी कर दी गई है। कई अप्रासंगिक प्रावधानों को हटाकर इसे सरल और व्यावहारिक बनाया गया है। उदाहरण के लिए, अब टैक्स रिटर्न भरते समय वित्त वर्ष और मूल्यांकन वर्ष का अलग-अलग उल्लेख करने की आवश्यकता नहीं होगी, बल्कि केवल टैक्स ईयर का उल्लेख करना होगा।
छोटे टैक्सपेयर्स के लिए नई सुविधाएं
छोटे टैक्सपेयर्स की सुविधा को ध्यान में रखते हुए कई रियायतें भी दी गई हैं। अब वे देरी से रिटर्न भरने पर भी रिफंड प्राप्त कर सकेंगे। इसके अलावा, एमएसएमई की नई परिभाषा को टैक्स प्रावधानों से जोड़ा गया है। टैक्सपेयर्स को अब नौ महीने के भीतर अपना आईटीआर दाखिल करने की अनुमति होगी, और वे पिछले चार वर्षों तक के अपडेटेड रिटर्न भी भर सकेंगे।
टैक्सपेयर्स की जिम्मेदारियों में वृद्धि
टैक्सपेयर्स पर बढ़ेंगी जिम्मेदारियां
हालांकि, नए कानून के साथ टैक्सपेयर्स की कुछ जिम्मेदारियां भी बढ़ेंगी। आयकर विभाग अब आय और खर्च का बारीकी से मिलान करेगा। यदि किसी खाते में ऐसी राशि पाई जाती है जिसका हिसाब स्पष्ट नहीं है और करदाता संतोषजनक जवाब नहीं दे पाता, तो उस राशि को आय मानकर कर योग्य माना जाएगा। इसी तरह, अगर खर्च का विवरण आईटीआर में नहीं है और उसका उचित स्पष्टीकरण नहीं दिया गया, तो उसे भी आय की श्रेणी में शामिल किया जाएगा।
टैक्स अधिकारियों की शक्तियों में वृद्धि
नए कानून में टैक्स अधिकारियों की शक्तियों को भी बढ़ाया गया है। अब अधिकारी किसी करदाता के बुक्स ऑफ अकाउंट को 15 दिनों तक जांच के लिए रख सकते हैं। इसके अलावा, तलाशी के दौरान टैक्स अधिकारी फोन, लैपटॉप, ईमेल और अन्य डिजिटल दस्तावेजों को अपने कब्जे में लेने का अधिकार रखेंगे। सरकार का उद्देश्य है कि रिटर्न की प्रोसेसिंग समय को कम से कम किया जाए ताकि करदाताओं को रिफंड तेजी से मिल सके।
इस प्रकार, नया इनकम टैक्स बिल 2025 देश की कर प्रणाली को अधिक पारदर्शी, सरल और आधुनिक बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित हो सकता है।