मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बस्ती में सरस्वती शिशु मंदिर का भूमि पूजन किया

मुख्यमंत्री का भूमि पूजन कार्यक्रम
बस्ती। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज जनपद बस्ती में सरस्वती शिशु मंदिर का भूमि पूजन एवं शिलान्यास किया। इस अवसर पर आयोजित समारोह में उन्होंने कहा कि सरस्वती विद्या मंदिर से निकले छात्र आज समाज के विभिन्न क्षेत्रों में नेतृत्व कर रहे हैं और मार्गदर्शन भी कर रहे हैं। वर्तमान में उत्तर प्रदेश के युवाओं को अपने गांव, क्षेत्र और जनपद में रोजगार की गारंटी मिल रही है, जिससे वे प्रदेश की समृद्धि में योगदान दे रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा, 'सा विद्या या विमुक्तये' का अर्थ है, विद्या वह है जो मुक्ति का मार्ग प्रशस्त करती है।
शिक्षा का महत्व
उन्होंने आगे कहा कि शिक्षण संस्थान केवल अक्षर ज्ञान का माध्यम नहीं हैं, बल्कि वे बच्चों के सर्वांगीण विकास की नींव हैं। यदि शिक्षा संस्कार और मूल्यों पर आधारित नहीं है, तो वह कुशिक्षा है। इस दिशा में सरस्वती शिशु मंदिर ने आजादी के बाद से एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। वर्तमान में देशभर में 12,000 से अधिक शिक्षण संस्थान इस अभियान को आगे बढ़ा रहे हैं।
शिक्षा और विकास
मुख्यमंत्री ने कहा कि किसी भी देश की शक्ति और आत्मनिर्भरता की शुरुआत शिक्षा से होती है। समृद्धि के लिए शिक्षा का उद्देश्य स्पष्ट होना चाहिए। इसके बाद स्वास्थ्य, कृषि, जल संसाधन, कौशल विकास और रोजगार को प्राथमिकता दी जाती है।
स्थानीय उत्पादों को प्राथमिकता
उन्होंने 'Vocal For Local' का उल्लेख करते हुए कहा कि हमें स्वदेशी वस्तुओं को प्राथमिकता देनी चाहिए। भारत के कारीगरों द्वारा निर्मित उत्पादों को अपनाना चाहिए, जिससे उनका लाभ स्थानीय अर्थव्यवस्था को होगा।
विकसित उत्तर प्रदेश का लक्ष्य
सीएम योगी ने कहा कि 'विकसित भारत' के लिए 'विकसित उत्तर प्रदेश' आवश्यक है। इसके लिए हर गांव और कस्बे को आत्मनिर्भर बनने की दिशा में प्रयास करना होगा। उन्होंने कहा कि सरकार की नीतियां 'सबका साथ, सबका विकास' के सिद्धांत पर आधारित हैं। पिछले 8.5 वर्षों में 8.50 लाख से अधिक युवाओं को सरकारी नौकरी दी गई है।