वेस्ट इंडीज़ ने 34 साल बाद पाकिस्तान को वनडे सीरीज़ में हराया
वेस्ट इंडीज़ की ऐतिहासिक जीत
वेस्ट इंडीज़ क्रिकेट टीम ने एक ऐसा अद्भुत प्रदर्शन किया है, जिसका इंतज़ार फैंस पिछले 30 वर्षों से कर रहे थे। त्रिनिदाद के ब्रायन लारा स्टेडियम में 12 अगस्त को खेले गए तीसरे और निर्णायक वनडे में, वेस्ट इंडीज़ ने पाकिस्तान को 202 रनों से हराकर सीरीज़ 2-1 से अपने नाम की। यह जीत केवल एक मैच की जीत नहीं थी, बल्कि 34 साल बाद पाकिस्तान के खिलाफ वनडे सीरीज़ जीतने का ऐतिहासिक क्षण था। इससे पहले, वेस्ट इंडीज़ ने 1991 में पाकिस्तान को वनडे सीरीज़ में हराया था।शाई होप की कप्तानी में वेस्ट इंडीज़ ने टॉस हारकर पहले बल्लेबाज़ी की। ओपनर्स ब्रैंडन किंग और एविन लुईस ने अच्छी शुरुआत नहीं की, लेकिन जब कप्तान शाई होप क्रीज़ पर आए, तब खेल का रुख बदल गया। उन्होंने 94 गेंदों में नाबाद 120 रन बनाकर टीम को मजबूत स्कोर तक पहुँचाया। रॉस्टन चेज़ ने भी 36 रन बनाकर महत्वपूर्ण योगदान दिया। वेस्ट इंडीज़ ने 50 ओवर में 294 रन बनाए। पाकिस्तान की ओर से नसीम शाह और अबरार अहमद ने दो-दो विकेट लिए, जबकि सईम अय्यूब और मोहम्मद नवाज़ ने एक-एक विकेट लिया।
295 रनों के लक्ष्य का पीछा करने उतरी पाकिस्तान की टीम शुरुआत से ही संघर्ष करती नजर आई। ओपनिंग जोड़ी सईम अय्यूब और अब्दुल्ला शफीक बिना खाता खोले पवेलियन लौट गई। कप्तान बाबर आज़म ने 9 रन बनाए और मोहम्मद रिज़वान पहली गेंद पर आउट हो गए। पाकिस्तान की पूरी टीम केवल 92 रन पर सिमट गई, जो वेस्ट इंडीज़ की गेंदबाज़ी की ताकत और पाकिस्तान की बल्लेबाज़ी की अस्थिरता को दर्शाता है। सलमान आगा 30 रन बनाकर सबसे सफल बल्लेबाज़ रहे।
वेस्ट इंडीज़ की जीत के नायक तेज़ गेंदबाज़ जेडन सील्स रहे, जिन्होंने 6 विकेट लेकर पाकिस्तान की बल्लेबाज़ी को ध्वस्त कर दिया। गुडकैश मोटी ने 2 और रॉस्टन चेज़ ने 1 विकेट लिया। यह सीरीज़ केवल एक खेल प्रतियोगिता नहीं थी, बल्कि लंबे समय से संघर्ष कर रही वेस्ट इंडीज़ टीम के लिए आत्मविश्वास और पुनरुत्थान का प्रतीक बनी। इस जीत से न केवल टीम का मनोबल बढ़ेगा, बल्कि वेस्ट इंडीज़ क्रिकेट बोर्ड को भविष्य के लिए नई उम्मीदें भी मिलेंगी।