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श्योपुर में रेलवे ट्रैक पर बाइकों की रैली ने मचाई हलचल

श्योपुर में एक अनोखी घटना में, आदिवासी समुदाय के प्रदर्शन के चलते बाइक सवारों ने रेलवे ट्रैक पर रैली निकाली। यह घटना न केवल प्रशासन की लापरवाही को उजागर करती है, बल्कि यह भी दर्शाती है कि लोग सिस्टम की विफलता के कारण कितनी दूर तक जाने को मजबूर हो जाते हैं। जानें इस घटना के बारे में और अधिक जानकारी।
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श्योपुर में रेलवे ट्रैक पर बाइकों की रैली ने मचाई हलचल

बाइकें रेलवे ट्रैक पर: एक अनोखी घटना

एमपी को 'अजब है, गजब है' कहना कोई नई बात नहीं है, क्योंकि यहां रोजाना कुछ ऐसा घटित होता है जो सभी को चौंका देता है। हाल ही में श्योपुर जिले से एक दिलचस्प मामला सामने आया है, जहां बिजली की समस्या के चलते आदिवासी समुदाय ने प्रदर्शन किया, जिससे एक हाईवे पर जाम लग गया। इस जाम ने लोगों को काफी परेशान किया।


जाम से बचने के लिए कई लोगों ने चंबल नदी के ऊपर बने पुराने नैरोगेज रेलवे ट्रैक को पार करने का निर्णय लिया। लगभग 200 बाइक सवारों ने जान जोखिम में डालकर उसी पटरी पर चलना शुरू कर दिया। यह ट्रैक श्योपुर और ग्वालियर के बीच है, जिस पर पिछले सात वर्षों से ट्रेनें नहीं चल रही हैं, लेकिन ट्रैक अब भी मौजूद है.


सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो


सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो में यह स्पष्ट देखा जा सकता है कि लोग किस तरह से संकरी पटरी पर बाइकों को सावधानी से चला रहे हैं, जबकि नीचे गहरी चंबल नदी बह रही है। जरा सी चूक उन्हें गंभीर खतरे में डाल सकती थी।


प्रशासन की जिम्मेदारी पर सवाल

इस घटना ने प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए हैं। जब प्रदर्शन के कारण सड़क जाम थी, तो क्या प्रशासन को वैकल्पिक मार्ग प्रदान नहीं करना चाहिए था? यदि कोई बड़ा हादसा होता, तो जिम्मेदार कौन होता? यह घटना न केवल प्रशासनिक लापरवाही को उजागर करती है, बल्कि यह भी दर्शाती है कि जब सिस्टम विफल होता है, तो आम लोग किस हद तक जाने को मजबूर हो जाते हैं।