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श्री कृष्ण कथा अमृत: भक्त धन्ना और गोपाष्टमी की महिमा का भव्य आयोजन

नंगल टाउनशिप में आयोजित श्री कृष्ण कथा अमृत का कार्यक्रम भक्तिभाव और आध्यात्मिक उत्साह के साथ जारी है। कथा में भक्त धन्ना और गोपाष्टमी के प्रसंगों के माध्यम से गौवंश की महिमा को दर्शाया गया। साध्वी गरिमा भारती जी ने भक्त धन्ना की सरलता और विश्वास की कहानी सुनाई। इस आयोजन में सैकड़ों श्रद्धालुओं ने भाग लिया और 15 नवंबर को पूर्णाहुति दिवस मनाने की तैयारी की जा रही है। यह कार्यक्रम केवल धार्मिक नहीं, बल्कि सामाजिक और सांस्कृतिक उत्थान का भी संदेश देता है।
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श्री कृष्ण कथा अमृत: भक्त धन्ना और गोपाष्टमी की महिमा का भव्य आयोजन

श्री कृष्ण कथा का आयोजन

नंगल टाउनशिप: दिव्य ज्योति जागृति संस्थान और नंगल निवासियों द्वारा स्टाफ क्लब ग्राउंड में आयोजित श्री कृष्ण कथा अमृत का कार्यक्रम भक्तिभाव और आध्यात्मिक उत्साह के साथ जारी है। यह कथा प्रतिदिन शाम 6:00 बजे से 9:00 बजे तक होती है, जिसमें भक्तों की बड़ी संख्या शामिल हो रही है।


कथा का आरंभ

आज की कथा का आरंभ गुरुदेव श्री आशुतोष महाराज जी की शिष्या, कथाव्यास साध्वी सुश्री गरिमा भारती जी द्वारा भक्त धन्ना और गोपाष्टमी के महत्वपूर्ण प्रसंग से हुआ। साध्वी जी ने बताया कि भक्त धन्ना जी की सरलता और भगवान में अटूट विश्वास आज भी समाज को यह सिखाता है कि सच्ची भक्ति वही है जिसमें हृदय पवित्र और ईमानदार हो।


गोपाष्टमी का महत्व

साध्वी जी ने गोपाष्टमी के प्रसंग के माध्यम से वैदिक भारत से लेकर वर्तमान समय तक देशी गोवंश की महिमा को सुंदरता से प्रस्तुत किया। उन्होंने बताया कि भारत की संस्कृति, अर्थव्यवस्था, कृषि और स्वास्थ्य का आधार सदैव गौवंश रहा है। देसी नस्लों का दूध और अन्य उत्पाद न केवल स्वास्थ्यवर्धक हैं, बल्कि जैविक खेती और प्राकृतिक जीवनशैली का भी मूल हैं।


कामधेनु गौशाला का उल्लेख

इस संदर्भ में, साध्वी जी ने नूरमहल स्थित कामधेनु गौशाला का उल्लेख किया, जो उत्तर भारत की प्रमुख गौशालाओं में से एक है और जिसे भारत सरकार द्वारा सम्मानित किया गया है। यहां देशी नस्लों का संरक्षण और वैज्ञानिक तरीके से सेवा की जाती है, जो समाज के लिए प्रेरणादायक उदाहरण है।


कथा का समापन

कथा का शुभारंभ विधिवत पूजा से हुआ और समापन आरती एवं भंडारे के साथ हुआ, जिसमें सैकड़ों श्रद्धालुओं ने प्रसाद ग्रहण किया।


पूर्णाहुति दिवस की तैयारी

संयोजक स्वामी सज्जनानंद जी ने बताया कि 15 नवंबर को कथा का पूर्णाहुति दिवस मनाया जाएगा, जिसमें भजन संध्या, विशेष पूजा और भंडारा होगा। उन्होंने सभी परिवारों, विशेषकर युवाओं से आग्रह किया कि वे अधिक से अधिक संख्या में आएं और आध्यात्मिक ज्ञान का लाभ उठाएं।


सामाजिक और सांस्कृतिक उत्थान

श्री कृष्ण कथा अमृत केवल एक धार्मिक आयोजन नहीं है, बल्कि यह सामाजिक, सांस्कृतिक और नैतिक उत्थान का संदेश देने वाला कार्यक्रम बन गया है, जिसमें समाज के हर वर्ग को भागीदारी का अवसर मिल रहा है।


मुख्य यजमान और अतिथि

मुख्य यजमान विजय धीर (विजय ज्वैलर्स) और दैनिक यजमान विकास सोनी (सोनी हैंडलूम) सहित कई अन्य परिवारों ने पूजन करवाया। इस अवसर पर वशिष्ट अतिथि राणा के पी, अरविंद मित्तल, राकेश नय्यर, और अन्य श्रद्धालु भी उपस्थित रहे।