सरसों की उन्नत किस्में: किसानों के लिए लाभदायक विकल्प
सरसों की किस्में
सरसों की किस्में: भारत के विभिन्न राज्यों में सरसों की खेती तेजी से बढ़ रही है। धान की कटाई के बाद, किसान सरसों की बुवाई में जुट जाते हैं। यदि आप पूसा अग्रणी, पूसा तारक, पूसा सरसों 25, पूसा सरसों 27, और पूसा सरसों 28 जैसी किस्मों का चयन करते हैं, तो आपको शानदार पैदावार मिलने की संभावना है।
रबी सीजन में, गेहूं के साथ-साथ सरसों भी बहुत महत्वपूर्ण है। सरसों के तेल की मांग बाजार में लगातार बढ़ रही है। देश की आधी से अधिक जनसंख्या सरसों के तेल में बने भोजन को पसंद करती है, जिससे किसान बड़े पैमाने पर इसकी खेती करते हैं। आइए, हम सरसों की पांच प्रमुख किस्मों के बारे में विस्तार से जानते हैं:
पूसा अग्रणी
यह किस्म किसानों को कम समय में अधिक लाभ देती है, केवल 110 दिनों में तैयार होती है। इसमें तेल की मात्रा भी अच्छी होती है। यदि अक्टूबर-नवंबर में इसकी बुवाई की जाए, तो 13.5 से 17.5 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक उपज प्राप्त की जा सकती है।
पूसा तारक
इस किस्म को कम समय वाली श्रेणी में रखा गया है। यह 121 दिनों में पककर तैयार होती है और पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, राजस्थान और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के किसानों के लिए आदर्श है। यदि इसे सितंबर-दिसंबर में बोया जाए, तो 19.24 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक फसल मिल सकती है।
पूसा सरसों 25
किसान इस किस्म से अच्छा लाभ कमा सकते हैं। यह राजस्थान, हरियाणा, पंजाब, दिल्ली, जम्मू-कश्मीर के मैदानी क्षेत्रों और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के लिए उपयुक्त है। यह जल्दी पकती है, केवल 107 दिनों में 14.7 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक उपज देती है। खास बात यह है कि यह बीमारियों से मुक्त रहती है और माहू कीट नहीं लगते। इसमें तेल की मात्रा 39.6% तक होती है।
पूसा सरसों 27
यह किस्म अंकुरण और बीज बनने के समय उच्च तापमान सहन कर सकती है। यह कम समय वाली है, 118 दिनों में 15.35 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक उपज देती है। उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, उत्तराखंड और राजस्थान (कोटा) के किसान इसे बोकर अच्छी कमाई कर सकते हैं।
पूसा सरसों 28
यह किस्म हरियाणा, राजस्थान, पंजाब, दिल्ली और जम्मू-कश्मीर के लिए सर्वोत्तम है। यह केवल 105-110 दिनों में कटाई के लिए तैयार हो जाती है और 17.5 से 19.93 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक पैदावार देती है। यह गर्मी सहन करती है और अन्य फसलों के बीच कैच क्रॉप के रूप में उगाई जा सकती है।
