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सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स के लिए नई सरकारी एडवाइजरी: अश्लीलता पर सख्त कार्रवाई

केंद्र सरकार ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि वे अश्लील और अवैध सामग्री को बर्दाश्त नहीं करेंगे। नई एडवाइजरी में नियमों का पालन न करने पर गंभीर कानूनी परिणामों की चेतावनी दी गई है। कंपनियों को अवैध सामग्री की त्वरित समीक्षा और हटाने के लिए कहा गया है। IT एक्ट और IT रूल्स के तहत प्लेटफॉर्म्स की जिम्मेदारियों का भी उल्लेख किया गया है। जानें इस नई चेतावनी के पीछे का कारण और क्या हैं प्लेटफॉर्म्स की जिम्मेदारियां।
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सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स के लिए नई सरकारी एडवाइजरी: अश्लीलता पर सख्त कार्रवाई

केंद्र सरकार की नई चेतावनी


नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने सोशल मीडिया और अन्य ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि वे अश्लील, भद्दे और अवैध सामग्री को सहन नहीं करेंगे। इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने 29 दिसंबर 2025 को जारी की गई एडवाइजरी में बताया कि नियमों का पालन न करने पर प्लेटफॉर्म्स को गंभीर कानूनी परिणामों का सामना करना पड़ सकता है।


सरकार ने कंपनियों को निर्देश दिया है कि वे अपने प्लेटफॉर्म पर मौजूद अवैध सामग्री की त्वरित समीक्षा करें और उसे बिना किसी देरी के हटा दें। इसके अलावा, लापरवाही बरतने वाले प्लेटफॉर्म्स के खिलाफ कानूनी कार्रवाई भी की जा सकती है।


IT एक्ट और IT रूल्स का संदर्भ

एडवाइजरी में IT एक्ट और IT रूल्स 2021 का उल्लेख करते हुए सरकार ने बताया कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स की जिम्मेदारी है कि उनका उपयोग किसी भी अश्लील, पोर्नोग्राफिक, बच्चों के लिए हानिकारक या अवैध सामग्री के प्रसार के लिए न हो। इसमें कंटेंट अपलोड, शेयर और स्टोर करने की सभी गतिविधियां शामिल हैं।


प्लेटफॉर्म्स की जिम्मेदारी

सरकार ने यह भी स्पष्ट किया कि आईटी एक्ट की धारा 79 के तहत प्लेटफॉर्म्स को 'ड्यू डिलिजेंस' का पालन करना अनिवार्य है। तीसरे पक्ष द्वारा अपलोड किए गए कंटेंट के मामलों में कानूनी सुरक्षा तभी मिलेगी जब प्लेटफॉर्म नियमों का पूरी तरह पालन करेगा। नियमों की अनदेखी करने पर यह सुरक्षा समाप्त हो सकती है।


कंटेंट हटाने की समयसीमा

एडवाइजरी में यह भी कहा गया है कि यदि किसी अदालत या सरकारी एजेंसी से सूचना मिलती है कि किसी कंटेंट को अवैध पाया गया है, तो उसे निर्धारित समयसीमा के भीतर हटाना अनिवार्य होगा। किसी भी प्रकार की देरी को गंभीर उल्लंघन माना जाएगा।


नई चेतावनी का कारण

सरकार ने यह कदम इसलिए उठाया है क्योंकि आम जनता, हितधारकों और अदालतों से लगातार शिकायतें आ रही थीं कि कई प्लेटफॉर्म्स पर कंटेंट शालीनता और अश्लीलता से जुड़े कानूनों का उल्लंघन कर रहा है। संसद में भी इस विषय पर चर्चा हो चुकी है और कुछ मामलों को जांच के लिए कानून प्रवर्तन एजेंसियों को भेजा गया है। इसी बढ़ती चिंता को देखते हुए केंद्र ने यह नई और सख्त एडवाइजरी जारी की है।