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हरियाणा आईपीएस वाई. पूरन कुमार आत्महत्या मामले में सीबीआई जांच की मांग

हरियाणा के वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी वाई. पूरन कुमार के आत्महत्या मामले में सीबीआई जांच की मांग को लेकर पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई है। याचिकाकर्ता ने मामले की संवेदनशीलता को उजागर करते हुए कहा कि जांच कर रहे एक अधिकारी ने भी आत्महत्या की है। चंडीगढ़ पुलिस की विशेष टीम इस मामले की जांच कर रही है, जिसमें 14 सदस्य शामिल हैं। अगली सुनवाई 31 अक्टूबर को होगी। जानें इस मामले की पूरी जानकारी और एसआईटी की कार्रवाई के बारे में।
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हरियाणा आईपीएस वाई. पूरन कुमार आत्महत्या मामले में सीबीआई जांच की मांग

मामले की सुनवाई 31 अक्टूबर को


हरियाणा के वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी वाई. पूरन कुमार के आत्महत्या मामले की जांच सीबीआई को सौंपने की मांग को लेकर पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई है। यह याचिका लुधियाना के निवासी नवनीत कुमार द्वारा प्रस्तुत की गई है। शुक्रवार को इस मामले की सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस शील नागू ने याचिकाकर्ता से पूछा कि किन परिस्थितियों में यह मामला सीबीआई को सौंपा जा सकता है। अगली सुनवाई 31 अक्टूबर को निर्धारित की गई है।


संवेदनशील मामला

याचिकाकर्ता के वकील वीके शर्मा ने तर्क दिया कि जांच कर रहे एक अधिकारी ने भी आत्महत्या कर ली है, जिससे मामला और भी संवेदनशील हो गया है। उन्होंने कहा कि जब वरिष्ठ अधिकारी आत्महत्या कर रहे हैं और कई आईएएस व आईपीएस अधिकारियों पर प्रताड़ना के आरोप हैं, तो यह एक गंभीर स्थिति है। यह केवल आत्महत्या का मामला नहीं है, बल्कि पुलिस की कार्यशैली की भी जांच होनी चाहिए।


14 सदस्यीय एसआईटी कर रही जांच

चंडीगढ़ प्रशासन के वकील ने याचिका दायर करने के अधिकार पर सवाल उठाते हुए कहा कि लुधियाना के निवासी नवनीत कुमार का इस मामले से कोई संबंध नहीं है। चंडीगढ़ पुलिस की विशेष टीम इस मामले की जांच कर रही है, जिसका नेतृत्व एक आईजी रैंक के आईपीएस अधिकारी कर रहे हैं। इस टीम में 3 आईपीएस अधिकारी और 3 डीएसपी शामिल हैं, कुल मिलाकर 14 सदस्यीय टीम वैज्ञानिक और तकनीकी आधार पर जांच कर रही है।


अमनीत पी. कुमार से पूछताछ की तैयारी

इस मामले की जांच स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (एसआईटी) द्वारा की जा रही है। जानकारी के अनुसार, एसआईटी दिवंगत आईपीएस की पत्नी अमनीत पी. कुमार से पूछताछ करने की योजना बना रही है। इसके अलावा, उनकी दोनों बेटियों और परिवार के अन्य सदस्यों के बयान भी दर्ज किए जाएंगे। सुसाइड नोट पर किए गए सिग्नेचर की हैंडराइटिंग एक्सपर्ट से जांच कराई जाएगी।


5 कर्मचारियों से पूछताछ

पुलिस सूत्रों के अनुसार, पूरन कुमार की बेटी ने सबसे पहले अपने मामा विधायक अमित रतन को इस घटना की जानकारी दी थी। रतन ही इस हादसे की जानकारी मिलने पर सबसे पहले मौके पर पहुंचे थे। अब तक एसआईटी इस मामले में 5 कर्मचारियों से पूछताछ कर चुकी है, लेकिन पुलिस ने उनके नाम सार्वजनिक नहीं किए हैं।


लैपटॉप और एप्पल मैकबुक सौंपने के आदेश

चंडीगढ़ कोर्ट ने परिवार को आदेश दिया है कि पूरन कुमार का लैपटॉप और एप्पल मैकबुक (टैबलेट) एसआईटी को सौंपा जाए। दावा किया गया है कि पूरन कुमार ने फाइनल नोट और वसीयत लैपटॉप से ही लिखी थी, इसलिए एसआईटी इन्हें कब्जे में लेकर जांच के लिए भेजना चाहती है।


पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में खुलासा

पूरन कुमार की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ है कि गोली लगने से उनके इंटरनल ऑर्गन फट गए थे। नाक, कान और मुंह से खून निकला, जिससे उनकी मृत्यु हुई।