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हरियाणा का जलवायु लचीलापन योजना: गांवों में जलवायु केंद्रों की स्थापना

हरियाणा ने जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों का सामना करने के लिए एक नई योजना की घोषणा की है, जिसमें गांवों में जलवायु केंद्रों की स्थापना की जाएगी। इस योजना का उद्देश्य ग्रामीण समुदायों को सशक्त बनाना और कृषि को स्थिर बनाए रखना है। सरकार ने अंतरराष्ट्रीय संगठनों के साथ साझेदारी की है ताकि जलवायु संकट से निपटने के लिए आवश्यक संसाधनों को जुटाया जा सके। जानें इस योजना के प्रमुख पहलुओं के बारे में।
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हरियाणा का जलवायु लचीलापन योजना: गांवों में जलवायु केंद्रों की स्थापना

हरियाणा की जलवायु लचीलापन योजना

हरियाणा का जलवायु लचीलापन योजना: गांवों में जलवायु केंद्रों की स्थापना: जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों का सामना कर रहे हरियाणा ने अब ग्रामीण क्षेत्रों को सशक्त बनाने के लिए ठोस कदम उठाए हैं। हरियाणा जलवायु लचीलापन योजना के तहत, ग्रामीण समुदायों को नीति का केंद्र बनाया गया है।


पर्यावरण विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव आनंद मोहन शरण ने बताया कि असमान बारिश, गर्मी और गिरते भूजल स्तर ने जलवायु परिवर्तन नीति को लागू करने की आवश्यकता को जन्म दिया है। कृषि को स्थिर बनाए रखने के लिए लचीलापन अब एक विकल्प नहीं, बल्कि एक अनिवार्यता बन गई है।


गांवों में जलवायु केंद्रों की स्थापना और पंचायतों को नई ताकत मिलेगी


इस नई योजना में गांवों में जलवायु केंद्रों की स्थापना पर जोर दिया गया है। ग्राम पंचायतों को विशेष फंडिंग, तकनीकी सहायता और प्रशिक्षण देकर स्थानीय स्तर पर जलवायु परिवर्तन के प्रति जागरूकता बढ़ाई जाएगी।


योजना के अंतर्गत कृषि, जल, जैव विविधता, स्वास्थ्य और वनों को प्राथमिकता दी गई है। इसमें प्राकृतिक कृषि को बढ़ावा देना, फसल विविधीकरण और जल संरक्षण जैसे प्रयास शामिल हैं। सरकार का मानना है कि जलवायु परिवर्तन के समाधान की शुरुआत गांवों से होनी चाहिए।


तकनीकी साझेदारी और वैश्विक सहयोग की दिशा में हरियाणा का कदम


इस योजना को लागू करने के लिए हरियाणा सरकार ने जर्मन एजेंसी, NABARD और ग्लोबल क्लाइमेट फंड जैसे अंतरराष्ट्रीय संगठनों के साथ साझेदारी की है। इसके अलावा, CSR के तहत निजी कंपनियों से भी संसाधनों को जोड़ा जा रहा है।


इस सहयोग से जल संरक्षण योजनाएं मजबूत होंगी और किसानों को सीधे लाभ मिलेगा। सरकार का लक्ष्य है कि हर निर्णय में जलवायु स्मार्ट खेती को प्राथमिकता दी जाए, ताकि हरियाणा जलवायु संकट का सामना करने में सक्षम हो सके।