हरियाणा में ड्रोन से फसलों की बीमारियों की पहचान, किसानों को मिलेगी विशेष ट्रेनिंग

हरियाणा के किसानों के लिए नई पहल
हरियाणा के किसानों के लिए एक सकारात्मक विकास सामने आया है। अब फसलों में बीमारियों की पहचान ड्रोन तकनीक के माध्यम से की जाएगी। मुख्यमंत्री सैनी ने इस संबंध में अधिकारियों को एक पायलट प्रोजेक्ट तैयार करने का निर्देश दिया है। प्रारंभ में चार प्रकार की फसलों और सब्जियों को इस योजना में शामिल किया जाएगा। यह निर्देश सीएम ने चंडीगढ़ में ड्रोन इमेजिंग एंड इन्फॉर्मेशन सर्विसेज ऑफ हरियाणा लिमिटेड के बोर्ड और डायरेक्टर्स की 9वीं बैठक में दिए।
ड्रोन तकनीक का महत्व
बैठक के दौरान, सीएम ने कहा कि हरियाणा में ड्रोन तकनीक कृषि और आपदा प्रबंधन में नई संभावनाएं खोलेगी। उन्होंने किसानों के हितों को ध्यान में रखते हुए अधिकारियों को विशेष निर्देश दिए। सीएम ने 'ड्रोन दीदी योजना' को गति देने की आवश्यकता पर जोर दिया।
पायलट प्रोजेक्ट के तहत फसलों का चयन
सीएम सैनी ने बैठक में बताया कि फसलों में बीमारियों की पहचान के लिए ड्रोन आधारित पायलट प्रोजेक्ट का निर्माण किया जाएगा। इस प्रोजेक्ट के पहले चरण में आलू, चना, कपास, धान और सब्जियों को शामिल किया जाएगा। इसके साथ ही, मुख्यमंत्री ने ड्रोन तकनीक का उपयोग प्राकृतिक खेती, विशेषकर जीवामृत के छिड़काव के लिए करने के निर्देश भी दिए।
किसानों को मिलेगी विशेष ट्रेनिंग
मुख्यमंत्री ने बैठक में कहा कि इस विशेष प्रोजेक्ट के लिए किसानों को सीधे जोड़ा जाएगा और उन्हें इस महत्वपूर्ण कार्य के लिए विशेष ट्रेनिंग प्रदान की जाएगी।