हरियाणा में मिट्टी खनन प्रक्रिया में बदलाव: पंचायतों को मिलेगा सीधा लाभ

हरियाणा में मिट्टी खनन के लिए नई नीति
हरियाणा मिट्टी खनन: पंचायतों को सीधा लाभ, सरकार ने दिए बड़े छूट: हरियाणा सरकार ने साधारण मिट्टी खनन को लेकर एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। मुख्यमंत्री नायब सैनी की अगुवाई में, खनन प्रक्रिया को सरल बनाने के लिए कदम उठाए गए हैं, जिससे ग्राम पंचायतों और किसानों को सीधे लाभ होगा। अब पंचायतों को मिट्टी खनन से प्राप्त रॉयल्टी का 50% हिस्सा सीधे उनके बैंक खातों में ट्रांसफर किया जाएगा।
इस राशि का उपयोग गांवों में विकास कार्यों के लिए किया जा सकेगा। इसके साथ ही, जोहड़ या तालाबों के निर्माण के दौरान निकाली गई मिट्टी के निपटान की प्रक्रिया को भी विभागीय पोर्टल पर सरल बनाया गया है।
किसानों को मिली राहत
हरियाणा सरकार ने किसानों को भी महत्वपूर्ण राहत प्रदान की है। अब मिट्टी भराई के कार्य के लिए उन्हें एनओसी पोर्टल से ऑनलाइन अनुमति प्राप्त होगी। पहले इस कार्य के लिए ₹200 की परमिट फीस लगती थी, जिसे अब समाप्त कर दिया गया है।
इसके अलावा, 450 घन मीटर तक की साधारण मिट्टी उत्खनन की अनुमति अब ऑनलाइन ही प्राप्त की जा सकेगी। इस प्रक्रिया में अब ई-रवाना बिलिंग की आवश्यकता नहीं होगी।
ये बदलाव किसानों के लिए समय और धन की बचत का माध्यम बनेंगे। साथ ही, खनन प्रक्रिया में पारदर्शिता और सरलता भी आएगी।
छोटे खनन ब्लॉकों और ई-नीलामी से बढ़ा राजस्व
हरियाणा खान एवं भूविज्ञान सूचना प्रणाली पोर्टल को 13 सितंबर 2023 को लॉन्च किया गया था और इसे 25 दिसंबर 2023 से पूरे राज्य में लागू किया जाएगा। इसके तहत पुराने ई-रवाना सिस्टम को हटाकर नई प्रणाली शुरू की गई है।
सरकार ने छोटे खनन ब्लॉकों को ठेके पर देने का निर्णय लिया है ताकि छोटे उद्यमी भी खनन व्यवसाय में भाग ले सकें। इसके साथ ही, लघु खनिजों के पट्टों को अब ई-नीलामी के माध्यम से आवंटित किया जा रहा है।
इस नई प्रणाली से रेत और बजरी जैसी निर्माण सामग्री की कीमतों में गिरावट आई है। साथ ही, राज्य के राजस्व में भी उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई है।