हिमाचल प्रदेश में पंचायतीराज चुनावों पर 25 करोड़ रुपये का खर्च
पंचायतीराज चुनावों का खर्च
शिमला: हिमाचल प्रदेश में होने वाले पंचायतीराज संस्थाओं के चुनाव में लगभग 25 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है। राज्य निर्वाचन आयोग ने इस खर्च का आकलन कर लिया है। यह राशि विभिन्न मदों जैसे कर्मचारियों की ड्यूटी, सरकारी मशीनरी, कागज की छपाई और कर्मचारियों के यात्रा भत्ते में खर्च होगी। चुनाव परिणाम घोषित होने तक सरकारी कर्मचारी और अधिकारी आयोग के पास डेपुटेशन पर रहेंगे, और चुनाव प्रक्रिया समाप्त होने के बाद वे अपने संबंधित विभागों में लौट जाएंगे।
आयोग के अनुसार, चुनाव में सबसे अधिक ड्यूटियां शिक्षा विभाग के अधिकारियों, कर्मचारियों और शिक्षकों को दी जाती हैं, क्योंकि अधिकांश मतदान केंद्र स्कूलों में होते हैं। इसके बाद पुलिस और होमगार्ड के जवानों की ड्यूटियां लगाई जाती हैं। कर्मचारियों के भोजन और आवास की व्यवस्था आयोग द्वारा की जाती है, और इसके लिए सरकार की ओर से धनराशि जारी की जाती है। यह ध्यान देने योग्य है कि पंचायतीराज चुनावों का पूरा खर्च प्रदेश सरकार को उठाना पड़ता है। आयोग पंचायतीराज संस्थाओं के पांच साल के कार्यकाल के समाप्त होने के चार महीने पहले से चुनाव की तैयारियों में जुट जाता है। वर्तमान में आयोग चुनाव कराने के लिए पूरी तरह से तैयार है, बस रोस्टर का इंतजार है।
