क्या वेजीटेरियन डाइट है नॉन-वेज से बेहतर? जानें इसके फायदे
स्वास्थ्य के लिए वेजीटेरियन डाइट के लाभ
स्वास्थ्य अपडेट (हेल्थ कार्नर): आमतौर पर यह धारणा है कि नॉन-वेज डाइट (मांसाहारी भोजन) वेजीटेरियन डाइट से अधिक फायदेमंद होती है। खासकर पोषण के मामले में यह विचार वर्षों से प्रचलित है। लेकिन सच्चाई इससे अलग है। भले ही वेजीटेरियन डाइट कुछ लोगों को उबाऊ लगे, यह वास्तव में स्वास्थ्य के लिए लाभकारी है।
प्रोटीन
प्रोटीन न केवल मांसपेशियों के विकास में सहायक है, बल्कि यह वजन घटाने में भी मदद करता है। एक सामान्य व्यक्ति को स्वस्थ रहने के लिए प्रतिदिन लगभग 60 से 80 ग्राम प्रोटीन की आवश्यकता होती है। जबकि नॉन-वेज डाइट में प्रोटीन की भरपूर मात्रा होती है, कई वेजीटेरियन विकल्प भी हैं जो मीट से अधिक प्रोटीन प्रदान करते हैं। उदाहरण के लिए, 100 ग्राम साल्मन मछली में लगभग 26 ग्राम प्रोटीन होता है, जबकि 100 ग्राम चीज में 32 ग्राम प्रोटीन पाया जाता है। इसी तरह, 100 ग्राम चिकन ब्रेस्ट में 30 ग्राम प्रोटीन होता है, जबकि 100 ग्राम नट्स और बीजों में 33 ग्राम प्रोटीन होता है। टोफू, सोयाबीन, दही, दूध, राजमा, बादाम और एवोकाडो भी प्रोटीन के अच्छे स्रोत हैं।
मिनरल्स
शरीर को सोडियम, जिंक, आयरन, पोटेशियम, कैल्शियम, मैग्नीशियम और फास्फोरस की आवश्यकता होती है। प्लांट-बेस डाइट में मिनरल्स और विटामिन्स की भरपूर मात्रा होती है, जबकि नॉन-वेज आहार में इनकी कमी होती है। सब्जियों के बीज, विशेषकर स्कवैश, कद्दू और तिल के बीज, जिंक का अच्छा स्रोत हैं। 30 ग्राम इन बीजों का सेवन पुरुषों की दैनिक आवश्यकता का 31 प्रतिशत और महिलाओं की 43 प्रतिशत जरूरत को पूरा करता है। नट्स, चीज, दूध और साबुत अनाज जैसे गेहूं, क्विनोआ और चावल भी जिंक प्रदान करते हैं। इसके अलावा, लोग सोचते हैं कि वेजीटेरियन डाइट में विटामिन बी12 नहीं होता, जबकि सोया मिल्क और फोर्टिफाइड अनाज में इसकी अच्छी मात्रा होती है।
फैट्स
स्वस्थ रहने के लिए शरीर को फैट्स की आवश्यकता होती है। ये न केवल फैटी एसिड प्रदान करते हैं, बल्कि विटामिन्स के अवशोषण में भी मदद करते हैं। नट्स, तेल और एवोकाडो में अच्छे फैट्स होते हैं।
ओमेगा-3 फैटी एसिड
ओमेगा-3 फैटी एसिड मस्तिष्क और हृदय के स्वास्थ्य के लिए आवश्यक है। हमारा शरीर इसे स्वयं नहीं बना सकता, इसलिए इसे आहार में शामिल करना जरूरी है। नॉन-वेज में ओमेगा-3 की भरपूर मात्रा होती है, लेकिन शाकाहारी लोग चिया बीज, टोफू, फ्लैक्स सीड्स और अखरोट का सेवन करके इसकी कमी को पूरा कर सकते हैं। रोजाना 30 ग्राम अखरोट का सेवन करने से ओमेगा-3 की जरूरत पूरी होती है। दो टेबलस्पून अखरोट और एक टेबलस्पून फ्लैक्स बीज में पर्याप्त ओमेगा-3 फैटी एसिड होता है। इसके लिए मछली खाने की आवश्यकता नहीं है।
यह भी जानें
वेजीटेरियन डाइट कई मायनों में नॉन-वेज डाइट से बेहतर मानी जाती है। इसमें फाइबर, विटामिन्स और मिनरल्स की भरपूर मात्रा होती है, जबकि सेचुरेटेड फैट्स की मात्रा कम होती है। इससे ब्लड प्रेशर, कोलेस्ट्रॉल, हृदय रोग और स्ट्रोक का खतरा कम होता है। वेजीटेरियन डाइट में फाइबर की मात्रा अधिक होती है, जो पाचन के लिए फायदेमंद है। प्लांट-बेस डाइट से व्यक्ति का पाचन तंत्र सही तरीके से काम करता है।
हरी पत्तेदार सब्जियां, फल, नट्स और हर्ब्स में एंटी-ऑक्सीडेंट्स होते हैं, जो शरीर को कई बीमारियों से बचाते हैं। दूसरी ओर, रेड मीट और चिकन शरीर में टॉक्सिन्स को बढ़ाते हैं। नॉन-वेज डाइट की एक बड़ी कमी यह है कि मांसाहारी भोजन कार्सिनोजेनिक होता है, जिससे कैंसर और अन्य बीमारियों का खतरा बढ़ सकता है।