जल प्रतिधारण से बचने के लिए पानी पीने के फायदे और उपाय
क्या आप जानते हैं कि जल प्रतिधारण का मुख्य कारण अधिक पानी पीना नहीं है? इस लेख में हम जल प्रतिधारण के कारण, लक्षण और इससे बचने के उपायों पर चर्चा करेंगे। जानें कैसे फाइबर युक्त आहार और विटामिन बी6 आपके स्वास्थ्य को बेहतर बना सकते हैं। पानी का सही सेवन कैसे करें और इसे स्वादिष्ट बनाने के तरीके भी जानें।
May 10, 2025, 12:20 IST
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जल प्रतिधारण के बारे में जानें
लाइव हिंदी खबर (हेल्थ कार्नर) :- यदि आपको लगता है कि अधिक पानी पीने से जल प्रतिधारण हो सकता है, तो यह गलतफहमी है। जल प्रतिधारण आमतौर पर अधिक नमक या चीनी के सेवन, हार्मोनल असंतुलन, हीमोग्लोबिन की कमी, एलर्जी या अन्य कारणों से होता है।
बीमारी के कारण
जब शरीर को पर्याप्त पानी नहीं मिलता है, तो सूजन उत्पन्न होती है। अधिक पानी पीने से शरीर को अतिरिक्त पानी जमा करने की आवश्यकता नहीं होती। इसके अलावा, अधिक नमक और विषाक्त पदार्थ भी मूत्र के माध्यम से बाहर निकल जाते हैं। प्यास न लगने पर भी थोड़ी-थोड़ी देर में पानी पीते रहना चाहिए।
जल प्रतिधारण के लक्षण
हाथ, पैरों और चेहरे पर सूजन, टखनों और पैरों में दर्द, वजन में वृद्धि या कमी, त्वचा पर निशान, और हायपोथायरॉइड जैसे लक्षण हो सकते हैं।
फाइबर युक्त आहार का महत्व
फाइबर युक्त आहार लेने से पाचन क्रिया के दौरान अधिक पानी अवशोषित होता है, जिससे शरीर में पानी का संग्रह नहीं हो पाता। ब्रोकली, बेरी, ओट्स और बीन्स फाइबर के अच्छे स्रोत हैं।
पानी का स्वाद बढ़ाएं
पानी का स्वाद बढ़ाने के लिए इसमें कुछ हर्ब्स मिलाए जा सकते हैं। जैसे एपल साइडर विनेगर, मेथी, दालचीनी, और धनिया के दाने मिलाकर पीने से शरीर में पोटैशियम और सोडियम का संतुलन बना रहता है।
बचाव के उपाय
सक्रिय रहें, संतुलित आहार लें, और डीहाइड्रेशन वाली चीजों से बचें, खासकर नमक से। नियमित 30 मिनट की एक्सरसाइज करें ताकि डिटॉक्सिफिकेशन में मदद मिले। अल्कोहल और धूम्रपान से बचें। सेब, अंगूर, स्ट्रॉबेरी, और चुकंदर जैसे प्राकृतिक डाययूरेटिक का सेवन करें।
विटामिन बी6 का महत्व
महिलाओं को जल प्रतिधारण से बचने के लिए विटामिन बी6 युक्त आहार लेना चाहिए। यह डाययूरेटिक होते हैं और मूत्र उत्पादन बढ़ाने में मदद करते हैं। बी6 युक्त खाद्य पदार्थ जैसे केला, अखरोट, और आलू का सेवन करें।
पोटैशियम का सेवन
पोटैशियम युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन करें। जल प्रतिधारण में पोटैशियम और सोडियम का संतुलन बनाए रखना आवश्यक है। संतरा, तरबूज, केला, अनार, पपीता, और आम जैसे फल पोटैशियम के अच्छे स्रोत हैं। जल प्रतिधारण को कम करने के लिए सोडियम की मात्रा को कम करना आवश्यक है, और पोटैशियम अतिरिक्त पानी को मूत्र उत्पादन बढ़ाकर बाहर निकालने में मदद करता है।