मधुमेह पर नियंत्रण: जागरूकता और जीवनशैली में बदलाव की आवश्यकता
कुरुक्षेत्र में मधुमेह की बढ़ती समस्या
कुरुक्षेत्र (विश्व मधुमेह दिवस)। मधुमेह एक ऐसी स्थिति है, जिसे नियमित जांच, उचित उपचार और स्वस्थ जीवनशैली के माध्यम से नियंत्रित किया जा सकता है। यह एक जीवनशैली से संबंधित शारीरिक विकार है, जिसे पूरी तरह से समाप्त नहीं किया जा सकता। लोग अब मधुमेह के प्रति जागरूक हो रहे हैं और इसकी पहचान होने पर अपनी दिनचर्या में सुधार कर रहे हैं।
World Diabetes Day: बच्चों में मधुमेह का बढ़ता प्रकोप
पिछले छह महीनों में जिले में 18,881 व्यक्तियों में मधुमेह की पहचान हुई है। जांच के बाद ही यह बीमारी सामने आ रही है। पहले लोग जांच नहीं कराते थे, जिसके कारण उन्हें तीसरी या चौथी स्टेज में जाकर पता चलता था कि वे मधुमेह से ग्रसित हैं, लेकिन तब तक उनका स्वास्थ्य काफी प्रभावित हो चुका होता था।
विशेषज्ञों का मानना है कि बिगड़ी दिनचर्या और भागदौड़ भरी जीवनशैली इसके लिए जिम्मेदार हैं। जिले में मधुमेह के मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है। केवल वृद्ध ही नहीं, बल्कि 12 से 13 साल के बच्चे भी इस बीमारी का शिकार हो रहे हैं। सरकारी अस्पतालों में 55,608 मरीजों का इलाज चल रहा है।
मधुमेह के लिए महत्वपूर्ण जानकारी
खाली पेट शुगर: 80 -130 मिलीग्राम प्रति डेसीलीटर
खाने के 2 घंटे बाद: 140-180 मिलीग्राम प्रति डेसीलीटर
एलडीएल (खराब कोलेस्ट्रॉल): 100 से कम
उच्च रक्तचाप: 130 / 80 से कम
ज्योतिसर की 13 वर्षीय जोया इस समय मधुमेह से पीड़ित है। उसकी शुगर 435 से 500 के बीच रहती है। जोया को दिन में तीन बार इंसुलिन लगवानी पड़ती है।
महिलाएं अधिक प्रभावित
एनसीडी कॉर्नर रूम के काउंसलर मलकीत सिंह, अंजू बाला और जसपाल ने बताया कि महिलाएं सबसे अधिक बीपी और शुगर की शिकार हो रही हैं। आंकड़ों के अनुसार, महिलाओं में यह बीमारी अधिक पाई जा रही है। नर्सिंग ऑफिसर अंजू बाला ने बताया कि पिछले छह महीनों में 879 पुरुषों और 1110 महिलाओं में बीपी और शुगर की पहचान हुई है।
स्वास्थ्य के लिए जीवनशैली में बदलाव
कौल के निवासी जगदीश ने बताया कि वह बचपन से ही स्वास्थ्य के प्रति सजग हैं। उन्होंने 2022 में अन्न का त्याग किया और अब फलाहार पर निर्भर हैं। जगदीश ने कहा कि वर्तमान में खाद्य पदार्थों में मिलावट का धंधा बढ़ रहा है, जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। वहीं, स्याना सैयदा गांव के 65 वर्षीय श्रवण कुमार ने अपनी दिनचर्या में बदलाव करके तीन महीने में शुगर को नियंत्रित किया है। उनकी शुगर पहले 200 से 235 के बीच थी, अब यह 108 तक पहुंच गई है।
