15 जून 2025 का पंचांग: शुभ मुहूर्त और राहु काल की जानकारी

आज का पंचांग
15 जून 2025 का पंचांग: आज आषाढ़ माह का चौथा दिन है और यह कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि है। दिन की लंबाई 13 घंटे 57 मिनट 33 सेकंड है, जबकि रात का समय 10 घंटे 2 मिनट 32 सेकंड होगा। वैदिक ज्योतिष के अनुसार, यह ग्रीष्म ऋतु का समय है और सूर्य उत्तरायण में गोचर कर रहे हैं।
आइए जानते हैं कि 15 जून के पंचांग के पांच अंगों - तिथि, नक्षत्र, वार, योग और करण की स्थिति क्या है। आज का कौन-सा समय आपके लिए शुभ है और राहु काल कब है?
तिथि
आज आषाढ़ मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि है, जो 15 जून को 03:51 PM तक रहेगी। इसके बाद पंचमी तिथि का आरंभ होगा।
चतुर्थी तिथि भगवान गणेश की है और इसे शुभ मुहूर्तों में नहीं माना जाता है।
नक्षत्र
आज की शुरुआत श्रवण नक्षत्र से होगी, जो 16 जून को 01:00 AM तक रहेगा। यह एक शुभ नक्षत्र है, इसके बाद धनिष्ठा नक्षत्र का आरंभ होगा।
दिन/वार
आज रविवार है, जो सूर्यदेव को समर्पित है। इस दिन सूर्यदेव की पूजा करने से विशेष लाभ मिलता है।
योग
आज का दिन इंद्र योग से शुरू होगा, जो 15 जून को 12:20 PM तक रहेगा। इसके बाद वैधृति योग का आरंभ होगा।
करण
आज 03:51 PM तक बालव करण रहेगा, इसके बाद कौलव करण का आरंभ होगा।
सूर्य-चंद्र गोचर
सूर्य गोचर: सूर्य वृषभ राशि में हैं, जिसके स्वामी शुक्र हैं।
चंद्र गोचर: चंद्रमा मकर राशि में हैं, जिसके स्वामी शनिदेव हैं।
शुभ-अशुभ काल
शुभ मुहूर्त:
ब्रह्म मुहूर्त: 04:03 AM से 04:43 AM
प्रातः सन्ध्या: 04:23 AM से 05:23 AM
अभिजित मुहूर्त: 11:54 AM से 12:50 PM
विजय मुहूर्त: 02:41 PM से 03:37 PM
गोधूलि मुहूर्त: 07:19 PM से 07:39 PM
सायाह्न सन्ध्या: 07:20 PM से 08:21 PM
अमृत काल: 02:19 PM से 03:58 PM
निशिता मुहूर्त: 12:02 AM, जून 16 से 12:42 AM, जून 16
अशुभ मुहूर्त:
राहुकाल: आज राहु काल 05:36 PM से 07:20 PM तक रहेगा। इस समय कोई शुभ कार्य नहीं करना चाहिए।
यमगण्ड: 12:22 PM से 02:06 PM
गुलिक काल: 03:51 PM से 05:36 PM
विष घटी/वर्ज्य काल: 05:02 AM, जून 16 से 06:39 AM, जून 16
दुर्मुहूर्त काल: 05:29 PM से 06:25 PM
15 जून 2025 के पर्व और त्योहार
आज आषाढ़ मास की चतुर्थी तिथि और रविवार का दिन है। यह दिन सूर्यदेव को समर्पित है। इस दिन सूर्य की पूजा से मान-सम्मान और स्वास्थ्य में वृद्धि होती है।
मिथुन संक्रांति: यह पर्व तब मनाया जाता है जब सूर्य वृषभ से निकलकर मिथुन राशि में प्रवेश करता है। इस अवसर पर स्नान और दान का महत्व है।
यात्रा टिप्स: आज पश्चिम दिशा में यात्रा करना शुभ नहीं है।
पंचांग का महत्व
पंचांग केवल तिथियों का कैलेंडर नहीं है, बल्कि यह जीवन को सफलता की ओर मार्गदर्शन करने वाला एक साधन है। यह ब्रह्मांड की लय के अनुसार चलने की प्रेरणा देता है।
पंचांग के पांच प्रमुख अंग:
वार: सप्ताह के दिनों का महत्व बताता है।
तिथि: चंद्र मास के अनुसार दिन की गणना।
नक्षत्र: विशिष्ट नक्षत्रों की स्थिति।
योग: खगोलीय संयोगों का महत्व।
करण: आधे तिथि का सूचक।
पंचांग का अनुसरण करके हम अपने जीवन को सफल और समृद्ध बना सकते हैं।