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Covid-19 संक्रमण से रक्त वाहिकाओं में उम्र बढ़ने की प्रक्रिया में तेजी

एक नए अध्ययन में यह सामने आया है कि कोविड-19 संक्रमण रक्त वाहिकाओं की उम्र बढ़ने की प्रक्रिया को तेज कर सकता है, खासकर महिलाओं में। शोध में पाया गया कि संक्रमित रक्त वाहिकाएं सामान्य से पांच साल अधिक उम्र की दिख सकती हैं, जिससे हृदय रोग और स्ट्रोक का खतरा बढ़ता है। अध्ययन में यह भी बताया गया है कि वैक्सीनेशन से धमनियों की कठोरता की समस्या कम होती है। जानें इस अध्ययन के महत्वपूर्ण निष्कर्ष और स्वास्थ्य पर इसके प्रभाव।
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Covid-19 संक्रमण से रक्त वाहिकाओं में उम्र बढ़ने की प्रक्रिया में तेजी

Covid-19 संक्रमण का प्रभाव

Covid-19 संक्रमण: हाल ही में कोविड-19 संक्रमण से संबंधित एक अध्ययन में एक महत्वपूर्ण तथ्य सामने आया है। इस रिसर्च में बताया गया है कि कोविड-19 संक्रमण रक्त वाहिकाओं की उम्र बढ़ने की प्रक्रिया को तेज कर सकता है, विशेष रूप से महिलाओं में। अध्ययन के अनुसार, कोविड-19 से प्रभावित रक्त वाहिकाएं सामान्य से पांच वर्ष अधिक उम्र की प्रतीत हो सकती हैं। इससे धमनियों में कठोरता बढ़ जाती है, जो हृदय रोग, स्ट्रोक और दिल के दौरे जैसे गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकती है।


अध्ययन की जानकारी

यूरोपियन हार्ट जर्नल में प्रकाशित इस अध्ययन में 16 देशों (जैसे ऑस्ट्रिया, ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, साइप्रस, फ्रांस, ग्रीस, इटली, मैक्सिको, नॉर्वे, तुर्की, यूके और अमेरिका) के 2,390 प्रतिभागियों को शामिल किया गया। ये लोग सितंबर 2020 से फरवरी 2022 के बीच अध्ययन का हिस्सा बने। शोध में यह पाया गया कि कोविड-19 से संक्रमित सभी समूहों, यहां तक कि हल्के लक्षणों वाले मरीजों में भी, धमनियों में कठोरता की समस्या देखी गई। यह प्रभाव उन लोगों की तुलना में अधिक था जो कोविड से संक्रमित नहीं हुए थे।


महिलाओं पर अधिक प्रभाव

महिलाओं पर अधिक असर 

शोधकर्ताओं ने बताया कि कोविड-19 का प्रभाव पुरुषों की तुलना में महिलाओं में अधिक गंभीर था। यूनिवर्सिटी पेरिस सिटी, फ्रांस की प्रोफेसर रोजा मारिया ब्रूनो ने कहा, "हम जानते हैं कि कोविड सीधे खून की नसों पर असर डालता है। हमारा मानना है कि इसके परिणामस्वरूप उम्र बढ़ती है, यानी इंसान समय से पहले बूढ़ा हो जाता है। इसका मतलब है कि आपकी रक्त वाहिकाएं आपकी कालानुक्रमिक उम्र से अधिक पुरानी हैं।" उन्होंने आगे कहा, "महिलाओं में प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया अधिक तीव्र और मजबूत होती है, जो उन्हें संक्रमण से बचा सकती है। हालांकि, यही प्रतिक्रिया प्रारंभिक संक्रमण के बाद रक्त वाहिकाओं को होने वाले नुकसान को भी बढ़ा सकती है।"


वैक्सीनेशन का प्रभाव

वैक्सीनेशन का सकारात्मक प्रभाव

अध्ययन में यह भी पाया गया कि जिन लोगों ने कोविड-19 का टीका लगवाया था, उनकी धमनियों में कठोरता की समस्या अपेक्षाकृत कम थी। इसके अलावा, जिन लोगों को लंबे समय तक कोविड के लक्षणों जैसे सांस लेने में तकलीफ और थकान का सामना करना पड़ा, उनमें यह प्रभाव और भी गंभीर था। प्रोफेसर ब्रूनो ने जोर देकर कहा, "अगर ऐसा हो रहा है, तो हमें हृदयाघात और स्ट्रोक को रोकने के लिए प्रारंभिक चरण में ही यह पता लगाना होगा कि कौन जोखिम में है?"