CP Radhakrishnan: NDA के उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार की संपत्ति का खुलासा

CP Radhakrishnan की संपत्ति का विवरण
CP Radhakrishnan की संपत्ति: महाराष्ट्र के राज्यपाल चंद्रपुरम पोन्नुसामी राधाकृष्णन को एनडीए ने उपराष्ट्रपति पद के लिए उम्मीदवार के रूप में नामित किया है। राधाकृष्णन भाजपा के सदस्य रहे हैं और कोयंबटूर से दो बार लोकसभा सांसद चुने गए हैं। इसके साथ ही, वे तमिलनाडु में भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष भी रह चुके हैं। आइए जानते हैं कि राधाकृष्णन के पास कितनी संपत्ति है।
सीपी राधाकृष्णन करोड़ों के मालिक हैं, लेकिन उनके पास कोई कार नहीं है। 2019 के लोकसभा चुनाव में दिए गए हलफनामे के अनुसार, उनकी कुल संपत्ति लगभग 67 करोड़ 11 लाख 40 हजार 166 रुपये है। इसमें से 7 करोड़ 31 लाख 07 हजार 436 रुपये की चल संपत्ति (नकद, बैंक जमा, बीमा पॉलिसी, बॉंड, शेयर और आभूषण) शामिल है। उनकी अचल संपत्ति में 44 करोड़ 43 लाख 25 हजार 040 रुपये की कृषि भूमि, 7 करोड़ 23 लाख 73 हजार 690 रुपये की गैर-कृषि भूमि और 6 करोड़ 63 लाख 34 हजार रुपये की व्यावसायिक इमारत शामिल है। इसके अलावा, उनके पास 1 करोड़ 50 लाख रुपये का आवासीय मकान भी है। राधाकृष्णन पर कुल कर्ज 2 करोड़ 36 लाख 86 हजार रुपये है, लेकिन उनके पास कोई गाड़ी नहीं है।
सीपी राधाकृष्णन का राजनीतिक सफर
सीपी राधाकृष्णन का जन्म 20 अक्टूबर 1957 को तमिलनाडु के तिरुप्पुर में हुआ। वे भाजपा के वरिष्ठ नेता हैं और वर्तमान में महाराष्ट्र के राज्यपाल हैं। राधाकृष्णन ने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत जनसंघ से की थी और आरएसएस से जुड़े रहे हैं। वे 1998 और 1999 में कोयंबटूर से लोकसभा सांसद चुने गए। 2003 से 2006 तक, उन्होंने तमिलनाडु भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष के रूप में कार्य किया।
तमिलनाडु भाजपा अध्यक्ष के रूप में, उन्होंने 2004-2007 के दौरान 93 दिनों की रथ यात्रा निकाली, जिसका उद्देश्य नदियों को जोड़ना, आतंकवाद के खिलाफ जागरूकता फैलाना और अस्पृश्यता का उन्मूलन करना था। संसद में, वे वस्त्र उद्योग पर स्थायी समिति के अध्यक्ष भी रहे और कई वित्तीय एवं सार्वजनिक उपक्रमों से संबंधित समितियों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
राधाकृष्णन ने फरवरी 2023 से जुलाई 2024 तक झारखंड के राज्यपाल के रूप में कार्य किया और मार्च से जुलाई 2024 तक तेलंगाना का अतिरिक्त प्रभार संभाला। इस दौरान, उन्होंने मार्च से अगस्त 2024 तक पुडुचेरी के उपराज्यपाल का अतिरिक्त कार्यभार भी संभाला। 31 जुलाई 2024 से, वे महाराष्ट्र के राज्यपाल के पद पर कार्यरत हैं।