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IAF Chief Reveals Details of Operation Sindoor Amidst Pakistan's Claims

भारतीय वायु सेना के प्रमुख एयर चीफ मार्शल अमर प्रीत सिंह ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान के विमानों को नष्ट करने के दावों की पुष्टि की है। उन्होंने पाकिस्तान के दावों को मजाक में लिया और कहा कि वास्तविकता कुछ और है। इस लेख में जानें कि कैसे वायुसेना ने इस अभियान को अंजाम दिया और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री के दावों पर क्या प्रतिक्रिया दी।
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IAF Chief Reveals Details of Operation Sindoor Amidst Pakistan's Claims

IAF Chief's Statement on Operation Sindoor

नई दिल्ली - भारतीय वायु सेना के प्रमुख एयर चीफ मार्शल अमर प्रीत सिंह ने शुक्रवार को स्पष्ट किया कि मई में हुए ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारतीय बलों ने पाकिस्तान के पांच लड़ाकू विमानों, जिसमें F-16 और JF-17 शामिल थे, के साथ एक बड़े एईडब्ल्यू-एंड-सी प्लेटफॉर्म को नष्ट कर दिया था।


उन्होंने पाकिस्तान द्वारा किए जा रहे दावों को खारिज करते हुए कहा कि ये सब 'मनोहर कहानियाँ' हैं। उन्होंने मजाक में कहा कि यदि पाकिस्तान का दावा है कि उन्होंने 15 या 7 भारतीय विमानों को मार गिराया है, तो यह उनकी बात है, लेकिन वास्तविकता कुछ और है। एयर चीफ मार्शल ने चुटकी लेते हुए कहा, 'अगर उन्हें लगता है कि उन्होंने हमारे 15 विमान मार गिराए हैं, तो मुझे उम्मीद है कि जब वे फिर से लड़ने आएंगे, तो उनके पास 15 कम विमान होंगे।'


यह पहली बार नहीं है जब वायु सेना ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पांच पाकिस्तानी विमानों को मार गिराने का दावा किया है। अगस्त में भी, एयर चीफ मार्शल ने कहा था कि इन विमानों को S-400 वायु रक्षा प्रणालियों ने नष्ट किया था।


पाकिस्तान के प्रधानमंत्री का दावा

हाल ही में, संयुक्त राष्ट्र महासभा में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शाहबाज़ शरीफ ने कहा था कि पाकिस्तानी वायुसेना ने मई की मुठभेड़ों में सात भारतीय विमानों को नष्ट किया। इस दावे के बाद दोनों देशों के बीच बयानबाज़ी तेज हो गई। एयर चीफ मार्शल ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर में S-400 जैसी वायु रक्षा प्रणालियों और समन्वित हवाई और जमीनी कार्यवाही के कारण पाकिस्तानी वायु क्षमता को नुकसान हुआ।


सरकार और सेना की रणनीति

वायुसेना प्रमुख ने यह भी बताया कि यह उनका सबसे बड़ा अभियान था और तीनों सेनाओं ने मिलकर इसे अंजाम दिया। उन्होंने कहा कि आवश्यकतानुसार आधुनिक लड़ाकू विमानों और प्रणालियों का उपयोग जारी रहेगा। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि आवश्यक संसाधनों का निर्णय सरकार करेगी, और हमारी प्राथमिकता सटीकता और कार्यक्षमता है।