IEPFA का 'सक्षम निवेशक' अभियान: लावारिस लाभांश वापस पाने का सुनहरा अवसर

लावारिस लाभांश की समस्या का समाधान
क्या आप उन लाखों निवेशकों में से हैं जिनका लाभांश वर्षों से कंपनियों के पास लावारिस पड़ा है? यदि आपके KYC विवरण अद्यतन नहीं हैं, तो आपकी मेहनत की कमाई आप तक नहीं पहुंच पा रही है। इस समस्या का समाधान करने के लिए, कॉर्पोरेट मामलों के मंत्रालय के अधीन निवेशक शिक्षा और संरक्षण निधि प्राधिकरण (IEPFA) ने एक महत्वपूर्ण पहल की है।IEPFA ने 'सक्षम निवेशक' नामक एक 100 दिवसीय अभियान की शुरुआत की है, जो 28 जुलाई 2025 से 6 नवंबर 2025 तक चलेगा। इस अभियान का उद्देश्य उन निवेशकों को जागरूक करना है जिनका लाभांश कंपनियों के पास लावारिस पड़ा है।
अभियान का उद्देश्य और लाभ
यह राष्ट्रव्यापी अभियान शेयरधारकों को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करने और उन्हें सशक्त बनाने पर केंद्रित है। इसका मुख्य लक्ष्य उन लाभांशों को वापस दिलाना है जो कंपनियों के पास अनक्लेम्ड हैं। अक्सर निवेशक अपने पते या बैंक खातों में बदलाव करते हैं, जिससे उनके लाभांश उन तक नहीं पहुंच पाते।
IEPFA का 'सक्षम निवेशक' अभियान निवेशकों को उनके KYC विवरण और नामांकन जानकारी को अपडेट करने में मदद करेगा, ताकि वे अपनी वैध लाभांश राशि को प्राप्त कर सकें।
कॉर्पोरेट मामलों के मंत्रालय का संदेश
कॉर्पोरेट मामलों के मंत्रालय ने कहा है कि यह अभियान कंपनियों को प्रोत्साहित करता है कि वे अपने शेयरधारकों तक पहुंचें और उन्हें लावारिस लाभांश वापस पाने में मदद करें। मंत्रालय ने चेतावनी दी है कि यदि शेयरधारक समय पर कार्रवाई नहीं करते हैं, तो उनके लाभांश और संबंधित शेयर IEPFA को हस्तांतरित हो जाएंगे।
अभियान के मुख्य बिंदु
यह अभियान तीन प्रमुख लक्ष्यों पर केंद्रित है:
- लावारिस लाभांश का समाधान: यह अभियान उन सभी मामलों को हल करेगा जहां लाभांश कंपनियों के पास अनक्लेम्ड हैं।
- KYC और नामांकन अपडेट में सहायता: यह अभियान शेयरधारकों को अपने KYC और नामांकन विवरण को अपडेट करने में मदद करेगा।
- सीधे लाभांश भुगतान सुनिश्चित करना: यह सुनिश्चित करेगा कि कंपनियों द्वारा लाभांश का भुगतान सीधे निवेशकों के बैंक खातों में हो।
IEPFA की प्रतिबद्धता
IEPFA केवल लावारिस धन की सुरक्षा तक सीमित नहीं है, बल्कि यह वित्तीय साक्षरता को बढ़ावा देने और निवेशक हितों की रक्षा करने के लिए भी प्रतिबद्ध है।
IEPFA ने पहले भी कई महत्वपूर्ण पहलों की हैं, जैसे 'निवेशक दीदी' और 'निवेशक पंचायत', जो निवेशकों को जागरूक करने के लिए कार्यरत हैं।