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Intermittent Fasting: Heart Disease Risk Increased by 135% According to New Study

A recent study has raised alarms about the risks associated with intermittent fasting, revealing a staggering 135% increase in heart disease mortality among practitioners. While this popular diet is often seen as a weight-loss solution, the findings suggest it may pose serious health threats, especially for those with pre-existing conditions. The research, conducted on over 19,000 adults, highlights the potential dangers of this eating pattern and emphasizes the need for caution. Experts recommend consulting healthcare professionals before adopting such diets. Discover the full implications of this study and what it means for your health.
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Intermittent Fasting: Heart Disease Risk Increased by 135% According to New Study

Intermittent Fasting Risks: Shocking Findings

Intermittent fasting risks: Intermittent fasting can increase the risk of heart disease by 135%, shocking research!: नई दिल्ली। वर्तमान में वजन कम करने और स्वस्थ रहने के लिए इंटरमिटेंट फास्टिंग का चलन तेजी से बढ़ रहा है। लोग आमतौर पर 16 घंटे उपवास रखते हैं और 8 घंटे में भोजन करते हैं, लेकिन एक नई अध्ययन ने इस आहार के बारे में चौंकाने वाले तथ्य सामने रखे हैं।


इस अध्ययन के अनुसार, इंटरमिटेंट फास्टिंग करने वाले व्यक्तियों में दिल की बीमारी से मृत्यु का खतरा 135% तक बढ़ सकता है। यह लोकप्रिय आहार जितना फायदेमंद प्रतीत होता है, उतना ही यह खतरनाक भी हो सकता है। आइए जानते हैं इस अध्ययन के प्रमुख निष्कर्ष।


दिल की बीमारी का खतरा दोगुना


अध्ययन में यह पाया गया कि जो लोग केवल 8 घंटे खाने का समय रखते हैं, उनमें दिल की बीमारी से मृत्यु का खतरा 12-14 घंटे खाने वालों की तुलना में 135% अधिक है। यह जानकारी उन लोगों के लिए चेतावनी है जो बिना सोचे-समझे इस आहार का पालन कर रहे हैं।


19,000 लोगों पर हुआ अध्ययन


यह अध्ययन अमेरिका में 19,000 से अधिक वयस्कों पर किया गया। शोधकर्ताओं ने लंबे समय तक उनके खान-पान की आदतों और स्वास्थ्य पर नजर रखी। परिणाम सभी के लिए चौंकाने वाले थे, क्योंकि इंटरमिटेंट फास्टिंग करने वालों में दिल की बीमारियों का खतरा काफी अधिक पाया गया।


पहले से बीमार लोगों के लिए बड़ा जोखिम


जिन व्यक्तियों को पहले से दिल की बीमारी या कैंसर जैसी समस्याएं थीं, उनके लिए यह आहार और भी अधिक खतरनाक साबित हुआ। अध्ययन के अनुसार, ऐसे व्यक्तियों में दिल से संबंधित मृत्यु का खतरा 66% तक बढ़ गया। यह जानकारी विशेष रूप से उन लोगों के लिए महत्वपूर्ण है जो पहले से स्वास्थ्य समस्याओं का सामना कर रहे हैं।


पोषण और मांसपेशियों पर असर


विशेषज्ञों का कहना है कि इंटरमिटेंट फास्टिंग से शरीर में पोषण की कमी हो सकती है और मांसपेशियों की ताकत में कमी आ सकती है। मांसपेशियों की कमजोरी दिल की सेहत पर नकारात्मक प्रभाव डालती है, जिससे हार्ट अटैक या स्ट्रोक का खतरा बढ़ सकता है।


स्टडी की सीमाएं


यह अध्ययन अभी प्रारंभिक चरण में है और पूरी तरह से पीयर-रिव्यूड नहीं हुआ है। यह भी स्पष्ट नहीं है कि लंबे समय तक इंटरमिटेंट फास्टिंग का सभी पर समान प्रभाव होगा। फिर भी, विशेषज्ञ सावधानी बरतने की सलाह दे रहे हैं।


हालांकि इंटरमिटेंट फास्टिंग वजन घटाने का एक लोकप्रिय तरीका है, लेकिन इसे बिना चिकित्सकीय सलाह के अपनाना जोखिम भरा हो सकता है। यदि आप इस आहार को अपनाने की सोच रहे हैं, तो पहले अपने डॉक्टर से सलाह लें और अपनी सेहत की नियमित जांच कराएं।


डिस्क्लेमर: इस लेख में दी गई जानकारी सामान्य है और इसे चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी डाइट या फिटनेस प्रोग्राम शुरू करने से पहले अपने डॉक्टर से परामर्श जरूर करें।