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International Yoga Day 2025: कोरोना के दौरान योग के लाभ और सही समय

International Yoga Day 2025 के अवसर पर योग के महत्व और इसके स्वास्थ्य लाभों पर चर्चा की गई है। विशेषज्ञों का कहना है कि नियमित योगाभ्यास से न केवल शारीरिक स्वास्थ्य में सुधार होता है, बल्कि यह मानसिक स्वास्थ्य को भी बेहतर बनाता है। कोरोना महामारी के दौरान योग करने से इम्यून सिस्टम मजबूत होता है, जिससे संक्रमण का खतरा कम होता है। जानें कितनी देर तक योग करना चाहिए और इसे अपनी दिनचर्या में कैसे शामिल करें।
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International Yoga Day 2025: कोरोना के दौरान योग के लाभ और सही समय

International Yoga Day 2025:

योग का अभ्यास सभी आयु वर्ग के लिए लाभकारी माना जाता है, चाहे वह युवा हो या वृद्ध। यह हमारे मानसिक, शारीरिक और आध्यात्मिक स्वास्थ्य के लिए अत्यंत फायदेमंद है। वर्तमान में, जब देश में कोरोना के मामले बढ़ रहे हैं, विशेषज्ञ योग करने की सलाह दे रहे हैं। नियमित योगाभ्यास से कई गंभीर बीमारियों से बचा जा सकता है। कोरोना के अलावा, यह कैंसर, डायबिटीज और अस्थमा जैसी बीमारियों में भी शरीर को सक्रिय रखने में सहायक है। योग न केवल शरीर को फिट रखता है, बल्कि हड्डियों और इम्यून सिस्टम को भी मजबूत बनाता है। जब इम्यून सिस्टम मजबूत होता है, तो आप कोरोना जैसी महामारी से सुरक्षित रहते हैं।


कितनी देर तक योग करना सही?

योग और रेकी विशेषज्ञ पूनम वर्मा के अनुसार, सप्ताह में कम से कम 150 मिनट का योगाभ्यास करने से शरीर लंबे समय तक स्वस्थ रहता है। उन्होंने यह भी बताया कि जो लोग नियमित रूप से शारीरिक गतिविधियों में संलग्न रहते हैं, उनमें कोविड-19 का खतरा कम होता है। इसके अलावा, नियमित व्यायाम से मोटापा, डायबिटीज और हृदय रोग का खतरा भी कम होता है। यदि आप इन बीमारियों से बचे रहते हैं, तो कोविड-19 महामारी का खतरा भी कम हो जाता है।


हर रोज करें रुटीन में शामिल

पूनम वर्मा ने बताया कि योग और व्यायाम को अपनी दिनचर्या में शामिल करने से न केवल शरीर, बल्कि मस्तिष्क भी स्वस्थ रहता है। नियमित व्यायाम से शरीर सक्रिय रहता है और मांसपेशियों की मजबूती बढ़ती है। इससे हृदय रोग और डायबिटीज से ग्रसित लोगों को भी लाभ होता है।


काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के योग विभाग की प्रमुख प्रोफेसर नीरू नथानी ने अष्टांग योग के फायदों पर प्रकाश डाला, यह आसन शरीर को स्वस्थ रखने में मदद करते हैं। अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान नई दिल्ली के डॉ. रमाकांत यादव ने कहा कि औषधि रोग निदान का विकल्प नहीं है, योग निरोगी काया के लिए सबसे अच्छा उपाय है।