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IRCTC ने साइबर घोटाले का किया खुलासा: 2.5 करोड़ फर्जी यूजर ID ब्लॉक

भारतीय रेलवे के खानपान और पर्यटन निगम (IRCTC) ने एक बड़े साइबर घोटाले का खुलासा किया है, जिसमें फर्जी यूजर ID और बोट्स का उपयोग कर ट्रेन टिकटों की बुकिंग की जा रही थी। इस घोटाले के चलते 2.5 करोड़ फर्जी यूजर ID को ब्लॉक किया गया है। IRCTC ने 2.9 लाख संदिग्ध PNRs का पता लगाया है, जिससे यात्रियों को टिकट बुकिंग में कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। रेलवे अधिकारियों ने इस समस्या को हल करने के लिए सख्त कदम उठाए हैं, जिससे यात्रियों को राहत मिलेगी।
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IRCTC ने साइबर घोटाले का किया खुलासा: 2.5 करोड़ फर्जी यूजर ID ब्लॉक

भारतीय रेलवे का बड़ा खुलासा

भारतीय रेलवे के खानपान और पर्यटन निगम (IRCTC) ने एक बड़े साइबर घोटाले का पर्दाफाश किया है, जिसमें फर्जी यूजर ID और बोट्स का इस्तेमाल कर ट्रेन टिकटों की बुकिंग की जाती थी. यह घोटाला विशेष रूप से त्योहारों और छुट्टियों के दौरान यात्रियों के लिए समस्याएं पैदा करता था, क्योंकि बुकिंग के खुलते ही टिकट्स मिनटों में बिक जाते थे. पांच महीने की जांच के बाद, IRCTC ने 2.9 लाख संदिग्ध PNRs का पता लगाया और 2.5 करोड़ फर्जी यूजर ID को ब्लॉक कर दिया.


घोटाले की गंभीरता

यह घोटाला इस हद तक बढ़ गया था कि यात्रियों को बुकिंग के कुछ ही मिनटों में बुकिंग की प्रक्रिया से बाहर कर दिया जाता था, जबकि उनके पास बुकिंग विंडो खुलने से पहले कोई समय नहीं होता था. असली यात्रियों को टिकटों के लिए लंबी वेटिंग लिस्ट पर डाल दिया जाता था और उन्हें टिकट मिलना मुश्किल हो जाता था. IRCTC के अधिकारियों ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए साइबर फ्रॉड नेटवर्क का पता लगाया, जो फर्जी ID और स्क्रिप्ट्स का उपयोग कर टिकट बुकिंग सिस्टम में गड़बड़ी पैदा कर रहा था.


5 महीने में घोटाले का खुलासा

5 महीने में सामने आई घोटाले की हकीकत

पिछले पांच महीनों में, IRCTC ने लगभग 2.9 लाख ऐसे PNRs का पता लगाया, जो सामान्य और तत्काल बुकिंग के खोलने से ठीक पांच मिनट पहले बनाए गए थे. यह स्पष्ट रूप से बुकिंग नियमों का उल्लंघन था. इन PNRs को शॉर्टकट द्वारा जल्दी से बुक किया गया था और इससे सामान्य यात्रियों को गंभीर परेशानी का सामना करना पड़ा.


फर्जी यूजर ID का नाश

2.5 करोड़ फर्जी यूजर ID ब्लॉक की गई

IRCTC ने 2.5 करोड़ फर्जी यूजर ID को ब्लॉक कर दिया, जिनका उपयोग इन अवैध बुकिंग्स को उत्पन्न करने के लिए किया जा रहा था. ये फर्जी अकाउंट्स टिकटों को जेनरेट करते थे, जिन्हें बाद में एजेंट्स द्वारा महंगे दामों पर बेच दिया जाता था. यह प्रक्रिया बोट्स और ऑटोमेटेड टूल्स के माध्यम से की जाती थी, जो बुकिंग प्रक्रिया को पारंपरिक उपयोगकर्ताओं से पहले पूरा कर लेते थे.


सख्त कार्रवाई की गई

रेलवे अधिकारियों ने शुरू की सख्त कार्रवाई

इस घोटाले के खिलाफ अब रेलवे अधिकारियों ने सख्त कदम उठाए हैं. उन्होंने एक एंटी-बोट एप्लिकेशन को लागू किया है, जो इस प्रकार के साइबर अपराध को रोकने में मदद करेगा. यह एप्लिकेशन ऑटोमेटेड बुकिंग को पहचानने और उसे ब्लॉक करने में सक्षम है, जिससे वास्तविक उपयोगकर्ताओं को सिस्टम में समान रूप से अवसर मिलेगा.


यात्रियों को मिलेगी राहत

यात्रियों को मिलेगी राहत

रेलवे अधिकारियों ने कहा कि वे इस घोटाले में शामिल लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करेंगे और IRCTC के टिकटिंग प्लेटफॉर्म की सुरक्षा को और मजबूत करेंगे. इस कदम से विशेष रूप से त्योहारों और छुट्टियों के दौरान लाखों यात्रियों को राहत मिल सकती है, जो अक्सर टिकट प्राप्त करने में असफल रहते हैं. अब, यात्रियों को विश्वास होगा कि टिकट बुकिंग प्रक्रिया पारदर्शी और निष्पक्ष है.