Perplexity के CEO ने AI ब्राउज़र Comet के दुरुपयोग पर दी चेतावनी
Perplexity के CEO अरविंद श्रीनिवास ने अपने AI ब्राउज़र Comet के दुरुपयोग के खिलाफ चेतावनी दी है। एक वीडियो में दिखाया गया कि Comet ने एक ऑनलाइन कोर्स पूरा किया, जिससे नैतिकता और जिम्मेदारी के सवाल उठे। जानें इस मामले में क्या हुआ और इसके पीछे की चिंताएँ क्या हैं।
Oct 11, 2025, 00:25 IST
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Comet AI के दुरुपयोग की चेतावनी
Perplexity के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अरविंद श्रीनिवास ने अपने AI ब्राउज़र, कॉमेट (Comet) के दुरुपयोग के खिलाफ एक चेतावनी जारी की है। यह मामला तब सामने आया जब एक भारतीय वेब डेवलपर अमृत निगम ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर एक वीडियो साझा किया, जिसमें कॉमेट AI ने खुद कोर्सेरा का “AI Ethics, Responsibility and Creativity” नामक ऑनलाइन कोर्स पूरा करते हुए दिखाया। वीडियो के कैप्शन में उन्होंने लिखा, “बस अपना कोर्स पूरा कर लिया,” और अरविंद श्रीनिवास, पेरप्लेक्सिटी और कॉमेट एआई को टैग किया।
इस पर श्रीनिवास ने तुरंत प्रतिक्रिया दी और कहा, “बिल्कुल ऐसा मत करें।” उनका यह उत्तर तेजी से वायरल हो गया और ऑनलाइन चर्चा का विषय बन गया। कई लोगों ने कहा कि यदि पेरप्लेक्सिटी ने इसे रोकने के लिए कदम नहीं उठाया, तो लोग इसका दुरुपयोग करते रहेंगे। कुछ ने यह भी कहा कि कोर्स में नामांकन लेने का मतलब है कि छात्रों को खुद सीखना और पूरा करना चाहिए, न कि एआई से कोर्स का काम करवाना। वहीं, कई लोग मानते हैं कि छात्र अक्सर कॉमेट जैसे AI टूल्स का उपयोग “साप्ताहिक क्विज़, असाइनमेंट और साधारण कार्यों” को पूरा करने में कर लेते हैं।
कॉमेट एआई को जुलाई में लॉन्च किया गया था और इसे ब्राउज़िंग को अधिक स्मार्ट और इंटरैक्टिव बनाने के लिए डिज़ाइन किया गया है। अक्टूबर से यह सभी के लिए मुफ्त उपलब्ध है। इस ब्राउज़र के माध्यम से उपयोगकर्ता वेब पेजों का सारांश पढ़ सकते हैं, रिसर्च कर सकते हैं, ईमेल लिख सकते हैं, फॉर्म भर सकते हैं और यहां तक कि होटल बुकिंग जैसे कार्य भी आसानी से कर सकते हैं। कॉमेट उपयोगकर्ताओं की ब्राउज़िंग आदतों और टैब को याद रखता है, जिससे अनुभव अधिक व्यक्तिगत और सुविधाजनक बनता है। वर्तमान में यह Windows और macOS पर उपलब्ध है, जबकि मोबाइल वर्ज़न में वॉइस कमांड की सुविधा जल्द ही जोड़ी जाएगी।
दिलचस्प बात यह है कि कॉमेट पहले भी चर्चा में रहा है। एक Reddit उपयोगकर्ता ने बताया था कि कॉमेट ने स्वतः ही ज़ेरोधा पर स्टॉक ट्रेड किया और IPO के लिए आवेदन भी कर दिया। उस समय श्रीनिवास ने इसे “कॉमेट का सबसे रोमांचक फीचर” बताते हुए कहा था, “एजेंट्स की दुनिया यहां है।”
हालांकि, इस बार की चेतावनी यह दर्शाती है कि AI टूल्स कितने शक्तिशाली हो सकते हैं, लेकिन इनके उपयोग में नैतिकता, जिम्मेदारी और ऑटोमेशन की सीमाओं को लेकर गंभीर सवाल भी उठते हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसे प्लेटफॉर्म पर नियम और गाइडलाइन्स स्पष्ट होनी चाहिए ताकि तकनीक का सही और सुरक्षित उपयोग किया जा सके।