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प्रेगनेंसी से जुड़े मिथक: सच और झूठ का पर्दाफाश

प्रेगनेंसी एक महत्वपूर्ण समय होता है, लेकिन इस दौरान महिलाओं को कई तरह की सलाहें मिलती हैं, जिनमें से कई मिथक होते हैं। इस लेख में हम प्रेगनेंसी से जुड़े कुछ सामान्य झूठ और उनके पीछे की सच्चाई का खुलासा करेंगे। जानें कि क्या सच में चेहरे का ग्लो बच्चे के लिंग का संकेत देता है और क्या प्रेगनेंसी के दौरान शारीरिक संबंध बनाना सुरक्षित है।
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प्रेगनेंसी से जुड़े मिथक: सच और झूठ का पर्दाफाश

प्रेगनेंसी के दौरान सच और झूठ

किसी महिला के लिए गर्भधारण करना जीवन का एक अद्भुत अनुभव होता है। हालांकि, प्रेगनेंसी के दौरान महिलाओं को विभिन्न प्रकार की सलाहें मिलती हैं, और हर कोई अलग-अलग बातें बताता है कि क्या करना चाहिए और क्या नहीं। लेकिन क्या सभी सलाहों पर विश्वास करना सही है? इनमें से कुछ बातें सही हो सकती हैं, जबकि कुछ पूरी तरह से गलत हैं। इसलिए, ऐसी भ्रांतियों से बचना बेहतर है। यहाँ हम प्रेगनेंसी से जुड़े कुछ सामान्य मिथकों का खुलासा करेंगे।


मिथक-1: कुछ लोग मानते हैं कि प्रेगनेंसी के दौरान महिला के चेहरे के ग्लो से यह पता लगाया जा सकता है कि बच्चा लड़की होगा या लड़का।


सत्य: प्रेगनेंसी के दौरान, जब महिला द्वितीय ट्राईमेस्टर में प्रवेश करती है, तो उसके रक्त संचार में सुधार होता है, जिससे चेहरे पर एक प्राकृतिक चमक आ जाती है। इसलिए, चेहरे के ग्लो से यह तय नहीं किया जा सकता कि बच्चा लड़का होगा या लड़की।


मिथक-2: यह भी कहा जाता है कि प्रेगनेंसी के दौरान शारीरिक संबंध बनाने से लेबर पेन बढ़ सकता है।


सत्य: यदि डॉक्टर ने कोई पाबंदी नहीं लगाई है, तो प्रेगनेंसी के दौरान शारीरिक संबंध पूरी तरह से सुरक्षित होते हैं। कई महिलाएं तो प्रेगनेंसी के अंतिम महीने तक भी शारीरिक संबंध बना सकती हैं।