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अटल बिहारी वाजपेयी की 7वीं पुण्यतिथि: जानें उनके जीवन की 7 महत्वपूर्ण बातें

16 अगस्त 2025 को अटल बिहारी वाजपेयी की 7वीं पुण्यतिथि मनाई जा रही है। जानें उनके जीवन की 7 महत्वपूर्ण बातें, जिसमें उनके जन्म, जेल यात्रा, प्रेम कहानी, और साहित्य में योगदान शामिल हैं। वाजपेयी जी ने राजनीति और कविता के क्षेत्र में अद्वितीय पहचान बनाई। उनकी उपलब्धियों और विचारों पर एक नज़र डालें।
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अटल बिहारी वाजपेयी की 7वीं पुण्यतिथि: जानें उनके जीवन की 7 महत्वपूर्ण बातें

अटल बिहारी वाजपेयी: एक महान नेता का जीवन

अटल बिहारी वाजपेयी: आज, 16 अगस्त 2025 को, भारत रत्न और पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की 7वीं पुण्यतिथि मनाई जा रही है। उनका जीवन राजनीति और साहित्य का एक अद्भुत उदाहरण है। वाजपेयी जी ने अपने शब्दों से संसद में विपक्ष का दिल जीतने की क्षमता रखी थी। उन्होंने कविताओं के माध्यम से आम जनता के साथ गहरा संबंध स्थापित किया। अटल बिहारी वाजपेयी केवल एक कुशल राजनेता नहीं थे, बल्कि एक संवेदनशील कवि, दृढ़ विचारों वाले राष्ट्रभक्त और लोकतांत्रिक मूल्यों के सच्चे रक्षक भी थे। छात्र जीवन में ही उन्होंने राजनीति में कदम रखा। उनकी पुण्यतिथि पर हम उनके जीवन से जुड़ी 7 महत्वपूर्ण बातें साझा कर रहे हैं।


क्रिसमस के दिन हुआ जन्म

पूर्व प्रधानमंत्री और भाजपा के प्रमुख नेता अटल बिहारी वाजपेयी का जन्म 25 दिसंबर 1924 को हुआ था। वे एक ब्राह्मण परिवार में जन्मे थे, लेकिन उन्हें नॉनवेज खाना बहुत पसंद था। उन्होंने 16 अगस्त 2018 को दिल्ली के एम्स में अंतिम सांस ली। उन्हें किडनी में संक्रमण के कारण लंबे समय तक अस्पताल में रहना पड़ा। उन्होंने 1942 में भारत छोड़ो आंदोलन में भाग लिया और भारत को परमाणु शक्ति से संपन्न बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।


23 दिनों तक जेल में बिताए

अटल बिहारी वाजपेयी ने भारत छोड़ो आंदोलन में भाग लिया था, जिसकी शुरुआत महात्मा गांधी ने मुंबई के क्रांति मैदान से की थी। इस आंदोलन के दौरान हजारों भारतीयों को जेल में डाल दिया गया था, और वाजपेयी को भी 23 दिनों तक जेल में रहना पड़ा।


राजकुमारी से प्रेम कहानी

हालांकि, अटल बिहारी वाजपेयी ने कभी शादी नहीं की, लेकिन उनकी प्रेम कहानी भी दिलचस्प रही है। उनके जीवन में राजकुमारी कौल नाम की एक महिला का जिक्र अक्सर होता है, जिन्हें वे जवानी से जानते थे। कहा जाता है कि वे उनसे भावनात्मक रूप से जुड़े थे। राजकुमारी कौल को इंदिरा गांधी की करीबी माना जाता था।


संयुक्त राष्ट्र में हिंदी में भाषण

अटल बिहारी वाजपेयी पहले भारतीय नेता थे जिन्होंने संयुक्त राष्ट्र महासभा में हिंदी में भाषण दिया। यह पहली बार था जब किसी भारतीय नेता ने अपनी मातृभाषा में वैश्विक मंच पर बात की। इस भाषण में उन्होंने भारत की विदेश नीति, गुटनिरपेक्षता और वैश्विक शांति पर चर्चा की।


परमाणु परीक्षण का सफल संचालन

भारत का परमाणु परीक्षण और अटल बिहारी वाजपेयी का नाम हमेशा के लिए एक-दूसरे से जुड़े रहेंगे। 1998 में, वाजपेयी की सरकार ने भारत को औपचारिक रूप से न्यूक्लियर पॉवर से संपन्न राष्ट्र बनाने का निर्णय लिया। इस ऑपरेशन का कोड नाम 'ऑपरेशन शक्ति' था।


47 वर्षों तक संसद में रहे

अटल बिहारी वाजपेयी भारतीय राजनीति के एक प्रमुख नेता थे। उन्होंने 47 वर्षों तक भारतीय संसद के सदस्य के रूप में जनता की सेवा की। उनका कार्यकाल उनकी जनप्रियता, दूरदर्शिता और राजनीतिक प्रतिबद्धता का प्रमाण है। उन्होंने 11 बार लोकसभा चुनाव लड़ा और जीता। वे 1957 से 2009 तक लोकसभा और राज्यसभा के सक्रिय सदस्य रहे।


कविता के प्रति प्रेम

अटल बिहारी वाजपेयी संसद में अपनी कविताओं के लिए भी जाने जाते थे। साहित्य उनके जीवन का अभिन्न हिस्सा था। उन्हें बचपन से ही कविता लेखन का शौक था। उनकी कुछ प्रमुख कविताएं हैं: 'हार नहीं मानूंगा, रार नहीं ठानूंगा', 'गीत नया गाता हूं', और 'आज भी जलता हूं, कल भी जलूंगा'।