अनंतपुर में मौसमी बीमारियों के खिलाफ स्वास्थ्य विभाग की तैयारी

स्वास्थ्य विभाग की सक्रियता
अनंतपुर में मौसमी बीमारियों, विशेषकर मलेरिया, डेंगू और चिकनगुनिया के बढ़ते मामलों को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने अपनी तैयारियों को तेज कर दिया है। राष्ट्रीय वेक्टर जनित रोग नियंत्रण कार्यक्रम (NVBDCP) के तहत एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई, जिसमें जिला मलेरिया अधिकारी डी. ओबुलु ने स्पष्ट निर्देश दिए कि किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।बैठक में अनंतपुर और श्री सत्य साईं (पुट्टपर्थी) जिलों के मलेरिया सब-यूनिट अधिकारी भी शामिल हुए। डी. ओबुलु ने अधिकारियों को चेतावनी दी कि उन्हें केवल कार्यालय में बैठकर काम नहीं करना है, बल्कि गांवों में जाकर वास्तविक स्थिति का आकलन करना है।
हर गांव में बुखार का सर्वेक्षण
डी. ओबुलु ने स्वास्थ्य कर्मचारियों को निर्देशित किया कि वे अविभाजित अनंतपुर जिले के प्रत्येक गांव में बुखार का सर्वेक्षण करें। उन्होंने कहा, "आपको पंचायत और नगरपालिका के कर्मचारियों के साथ मिलकर हर गांव का दौरा करना है और लोगों को इन बीमारियों से बचने के उपायों के बारे में जागरूक करना है।"
यदि किसी गांव में 5 से अधिक बुखार के मामले सामने आते हैं, तो वहां तुरंत चिकित्सा शिविर स्थापित किया जाएगा।
रोकथाम के लिए कदम उठाना
जिन गांवों में मौसमी बीमारियों के फैलने का खतरा अधिक है, वहां पहले से ही रोकथाम के उपाय करने के निर्देश दिए गए हैं।
सभी विभागों का सहयोग
डी. ओबुलु ने जोर दिया कि स्वास्थ्य विभाग, पंचायत और नगर पालिका के अधिकारी मिलकर काम करें। उन्होंने कहा कि अच्छी सफाई और समन्वय से ही बीमारियों के फैलाव को रोका जा सकता है।
स्वास्थ्य समस्याओं की त्वरित रिपोर्टिंग
स्वास्थ्य सहायकों को सख्त निर्देश दिए गए हैं कि यदि उन्हें स्वास्थ्य से संबंधित कोई समस्या दिखाई दे, तो तुरंत इसकी सूचना प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (PHC) के डॉक्टरों और अन्य संबंधित अधिकारियों को दें।
अधिकारियों ने बताया कि स्वास्थ्य कर्मचारियों को मलेरिया, डेंगू और अन्य वेक्टर जनित बीमारियों के लक्षणों, उनकी प्रारंभिक पहचान और बचाव के तरीकों के बारे में पहले ही प्रशिक्षण दिया जा चुका है। अब समय है कि इस प्रशिक्षण का उपयोग जमीनी स्तर पर किया जाए और लोगों को इन खतरनाक बीमारियों से बचाया जाए।