अपने शरीर के अनुसार डाइट प्लान कैसे बनाएं: जानें खास बातें

स्वस्थ रहने के लिए सही खानपान
स्वास्थ्य टिप्स: सेहतमंद जीवन के लिए सबसे पहले सही आहार का होना आवश्यक है, क्योंकि यह हमारे शरीर को ऊर्जा प्रदान करता है। इसलिए, यह महत्वपूर्ण है कि हम अपने शरीर की आवश्यकताओं के अनुसार भोजन करें। सही आहार लेने से न केवल स्वास्थ्य बेहतर होता है, बल्कि बीमारियों का खतरा भी कम होता है। एक महत्वपूर्ण मानक है बीएचई, यानी बॉडी हीट इंडेक्स। यह जानना आवश्यक है कि आपके शरीर का तापमान क्या है, यानी यह गर्म है या ठंडा। बीएचआई में बदलाव से बेचैनी और चिड़चिड़ापन हो सकता है।
बीएचआई क्या है:
बीएचआई, वातावरण की आर्द्रता के आधार पर शरीर के तापमान की जानकारी देता है। यदि आपका तापमान औसत (98.3 डिग्री फॉरेनहाइट) से कम है, तो आपका हीट इंडेक्स निम्न है, और यदि अधिक है, तो उच्च है।
डाइट प्लान कैसे बनाएं:
आपके शरीर की तासीर और मौसम के अनुसार डाइट प्लान बनाना आवश्यक है। इसके लिए ठंडी और गर्म खाद्य पदार्थों के बारे में जानना जरूरी है।
बीएचआई पर प्रभाव डालने वाले कारक:
वैक्सीनेशन, स्टीरॉयड, गर्भावस्था, पीरियड्स, लंबी यात्रा और तनाव।
पपीता: विटामिन ए, बी और सी से भरपूर पपीता प्रोटीन को पचाने में मदद करता है। गर्म प्रकृति के कारण गर्भवती महिलाओं को इससे परहेज करने की सलाह दी जाती है।
लाल मिर्च: यह शरीर की संचार प्रणाली को दुरुस्त रखती है और रक्त और पोषक तत्वों को शरीर के हर हिस्से में पहुंचाने में मदद करती है। अधिक सेवन से गैस्ट्रिक समस्या हो सकती है।
अंडा: इसे गर्म माना जाता है। रोजाना एक अंडा खाना फायदेमंद है, लेकिन अधिक सेवन से समस्या हो सकती है।
नट्स: ये ऊर्जा के अच्छे स्रोत हैं और कोलेस्ट्रॉल-फ्री होते हैं। इन्हें खाली पेट नहीं खाना चाहिए, अन्यथा गैस्ट्रिक समस्या हो सकती है, जो हायपर इंडेक्स को बढ़ा सकती है।
ठंडे खाद्य पदार्थ:
ककड़ी: यह शरीर को ठंडा रखती है और इसमें फाइबर प्रचुर मात्रा में होता है, जो पेट को साफ रखने और दिमाग को शांत रखने में मदद करता है।
तरबूज: पोटैशियम से भरपूर तरबूज पित्तकारक, क्षारयुक्त, गर्म, वात और कफ शामक होता है। गर्मी में यह शरीर में पानी की कमी को पूरा करता है और कई बीमारियों से बचाता है।
दही: दही एक संपूर्ण भोजन है, जिसमें सभी प्रकार के पोषक तत्व होते हैं। इसे नियमित रूप से खाने से पेट की समस्याओं में राहत मिलती है।
पालक: इसे रक्तशोधक भी कहा जाता है। आयरन से भरपूर पालक शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में मदद करता है।