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अपने शरीर को डस्टबिन न बनाएं: स्वास्थ्य संकेतों को समझें

क्या आप जानते हैं कि आपके शरीर के संकेत क्या कहते हैं? यह लेख आपको बताएगा कि कैसे आपके शरीर में जमा होने वाला कचरा आपकी सेहत को प्रभावित कर सकता है। जानें पेट की समस्याओं, वजन बढ़ने और अन्य स्वास्थ्य संकेतों के बारे में, और जानें कि कैसे आप अपने स्वास्थ्य को बेहतर बना सकते हैं। सही आहार और जीवनशैली अपनाकर आप अपने शरीर को डस्टबिन बनने से रोक सकते हैं।
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अपने शरीर को डस्टबिन न बनाएं: स्वास्थ्य संकेतों को समझें

स्वास्थ्य संकेतों की पहचान

स्वास्थ्य कार्नर: जब भी शरीर में कुछ गड़बड़ होती है, वह हमें संकेत देता है। सोचिए, अगर आप एक छोटे से कमरे में रहते हैं और रोज़ एक किलो कचरा फैलाते हैं, तो क्या होगा जब उसमें से 100 ग्राम हर दिन वहीं रह जाए? यही स्थिति अगर एक हफ्ते, एक महीने या सालभर तक बनी रहे, तो क्या होगा?


अपने शरीर को डस्टबिन न बनाएं: स्वास्थ्य संकेतों को समझें


अब इस कमरे की जगह अपने शरीर को रखकर सोचिए। हमारे द्वारा खाए गए भोजन का लगभग 30 प्रतिशत मल-मूत्र के रूप में बाहर निकलता है। अनुमान के अनुसार, हर 1000 ग्राम भोजन पर लगभग 10 ग्राम अपशिष्ट शरीर में जमा होता है। यदि हम महीने में 30 ग्राम और सालभर में लगभग 3 किलो कचरा शरीर में रखते हैं, तो यह हमारी शारीरिक और मानसिक सेहत को प्रभावित कर सकता है।


पेट की समस्याएं

आहार विशेषज्ञ डॉ. जेएस पाटिल के अनुसार, लोग चाय, कॉफी, सोडा या चॉकलेट जैसी चीजों से खुद को ऊर्जावान बनाने की कोशिश में नुकसान उठाते हैं और तनाव में रहते हैं।


पेट से परेशान रहना: यह एक महत्वपूर्ण संकेत है कि आप कुछ गलत कर रहे हैं। गैस, अपच, जलन, दर्द, उल्टी-दस्त जैसे लक्षण बताते हैं कि शरीर में कचरा बाहर नहीं निकल रहा है।


उपाय: पेट सभी बीमारियों की जड़ है। बेहतर आहार अपनाएं, खासकर रात का भोजन हल्का रखें।


वजन में वृद्धि

बढ़ता वजन: यह भी शरीर में विषैला कचरा जमा होने का संकेत है। अनहैल्दी खाने की आदतें इस समस्या को बढ़ाती हैं।



बार-बार भूख लगना: कई बार लोग इसे भूख की समस्या मानते हैं, लेकिन असल में यह शरीर में जमा गंदगी का संकेत है।


उपाय: अपने डाइट ज्ञान को बढ़ाएं और डाइटिशियन से सलाह लेकर एक डाइट चार्ट बनवाएं।


स्वास्थ्य के लिए अन्य उपाय

ना कहना सीखें: कृत्रिम रसायनों और लुभावने प्रलोभनों को।


मेडिटेशन करें: यह मन को शांति और एकाग्रता प्रदान करता है।


बातें करें या लिखें: अपनी समस्याओं को सुलझाने के लिए बातचीत या लेखन करें।


ग्रीन टी पिएं: दूध की चाय की बजाय ग्रीन टी को अपनी दिनचर्या में शामिल करें।


अपने शरीर को डस्टबिन न बनाएं: स्वास्थ्य संकेतों को समझें


30 मिनट सेहत के नाम: रोज़ कम से कम 30 मिनट एक्सरसाइज करें।


बुरी आदतों से तौबा करें: सिगरेट, शराब और रिफाइंड शुगर से दूर रहें।


लिवर और किडनी का ख्याल रखें: मौसमी फल, नींबू, अदरक, दही और छाछ का सेवन करें।


रेशों की मात्रा बढ़ाएं: फाइबर युक्त फल और सब्जियां अपनी डाइट में शामिल करें।