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अमित शाह ने सेवानिवृत्ति के बाद प्राकृतिक खेती करने का किया ऐलान

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने हाल ही में अहमदाबाद में एक कार्यक्रम में सेवानिवृत्ति के बाद प्राकृतिक खेती करने का निर्णय लिया है। उन्होंने बताया कि रासायनिक खादों के सेवन से स्वास्थ्य पर पड़ने वाले दुष्प्रभावों के बारे में भी चर्चा की। शाह का मानना है कि प्राकृतिक खेती न केवल स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद है, बल्कि इससे उत्पादन भी बढ़ता है। जानें उनके इस महत्वपूर्ण फैसले के बारे में और अधिक जानकारी।
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अमित शाह का सेवानिवृत्ति के बाद का प्लान

भारत में राजनेताओं के लिए कोई निश्चित सेवानिवृत्ति आयु नहीं होती। कुछ नेता समय से पहले ही राजनीति छोड़ देते हैं, जबकि अन्य जीवन के अंत तक सक्रिय रहते हैं। इस संदर्भ में, भाजपा के वरिष्ठ नेता और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने हाल ही में सेवानिवृत्ति के बाद की अपनी योजनाओं के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी साझा की।

अहमदाबाद में एक कार्यक्रम के दौरान, शाह ने कहा, 'मैंने निर्णय लिया है कि सेवानिवृत्ति के बाद मैं अपने शेष जीवन को प्राकृतिक खेती में समर्पित करूंगा। इसके साथ ही, मैं वेदों और उपनिषदों का अध्ययन भी करूंगा। प्राकृतिक खेती एक वैज्ञानिक प्रक्रिया है, जिसके कई फायदे हैं।' बहुत कम लोग जानते हैं कि अमित शाह खुद अपनी ज़मीन पर प्राकृतिक खेती कर रहे हैं।

उन्होंने आगे कहा कि रासायनिक खादों से उगाए गए गेहूँ का सेवन कैंसर, उच्च रक्तचाप और थायराइड जैसी समस्याओं का कारण बनता है। इसलिए, शरीर को स्वस्थ रखने के लिए प्राकृतिक रूप से उगाए गए खाद्य पदार्थों का सेवन करना आवश्यक है। इससे उत्पादन भी बढ़ता है। शाह ने बताया कि उनके खेतों में प्राकृतिक खेती करने से अनाज उत्पादन लगभग डेढ़ गुना बढ़ गया है।

आज, शाह ने गुजरात, मध्य प्रदेश और राजस्थान में सहकारिता क्षेत्र से जुड़ी माताओं-बहनों और अन्य सहकारी कार्यकर्ताओं के साथ 'सहकार संवाद' का आयोजन किया, जिसमें बड़ी संख्या में महिलाओं ने भाग लिया।