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अरविंद केजरीवाल ने अमेरिकी कपास पर इंपोर्ट ड्यूटी हटाने का विरोध किया

दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने केंद्र सरकार के अमेरिकी कपास पर 11 प्रतिशत इंपोर्ट ड्यूटी हटाने के निर्णय का विरोध किया है। उन्होंने इसे किसानों के साथ धोखा बताते हुए चेतावनी दी है कि इससे कपास की कीमतें गिरेंगी और किसानों को भारी नुकसान होगा। केजरीवाल ने सरकार से अपील की है कि वह इस निर्णय को वापस ले और किसानों को उचित समर्थन मूल्य और सब्सिडी प्रदान करे।
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अरविंद केजरीवाल ने अमेरिकी कपास पर इंपोर्ट ड्यूटी हटाने का विरोध किया

केंद्र सरकार का निर्णय

केंद्र सरकार ने अमेरिकी कपास पर 11 प्रतिशत इंपोर्ट ड्यूटी को समाप्त करने का निर्णय लिया है। दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इस कदम को किसानों के साथ बड़ा धोखा बताया है। उनका कहना है कि इससे अमेरिकी कपास की कीमतें भारतीय किसानों की कपास से 15 से 20 रुपये प्रति किलो कम हो जाएंगी। केजरीवाल ने चेतावनी दी कि इससे किसानों को कपास का दाम 900 रुपये प्रति मन से भी कम मिलने लगेगा, जिससे वे आत्महत्या करने पर मजबूर हो सकते हैं।


खाद-बीज पर सब्सिडी की मांग

केजरीवाल ने केंद्र सरकार से अपील की है कि वह अमेरिकी कपास पर 11 प्रतिशत ड्यूटी फिर से लागू करे। इसके साथ ही उन्होंने किसानों के लिए कपास का न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) 2100 रुपये प्रति 20 किलो और खाद-बीज पर सब्सिडी देने की मांग की है। रविवार को भारी बारिश के कारण चोटीला में किसानों की महापंचायत स्थगित हो गई, जिसके बाद केजरीवाल ने अहमदाबाद में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में अपनी बातें साझा की।


किसानों के साथ धोखा

केजरीवाल ने कहा कि किसानों ने जून और जुलाई में कपास की बुआई की थी और इसके लिए उन्होंने खाद, बीज और मजदूरी के लिए कर्ज लिया है। फसल अक्टूबर-नवंबर में तैयार होगी, और किसान इसे मंडी में बेचने की उम्मीद कर रहे थे। लेकिन अब उन्हें पता चला है कि अमेरिकी कपास सस्ती होने जा रही है, जिससे उनके साथ धोखा हुआ है।


कपास की कीमतों में गिरावट

केजरीवाल ने बताया कि 19 अगस्त से 11 प्रतिशत इंपोर्ट ड्यूटी हटाने का निर्णय लिया गया था। पहले यह ड्यूटी 40 दिनों के लिए हटाई गई थी, जो 19 अगस्त से 30 सितंबर तक लागू थी, लेकिन अब इसे 31 दिसंबर तक बढ़ा दिया गया है। इससे अमेरिका के किसानों की कपास भारतीय किसानों की कपास से 15 से 20 रुपये प्रति किलो सस्ती हो जाएगी। सभी टेक्सटाइल कंपनियों ने अमेरिका से सस्ती कपास की मांग शुरू कर दी है।