आंखों के रंग से जानें स्वास्थ्य की स्थिति और बीमारियों के संकेत

आंखों के रंग और स्वास्थ्य संबंधी संकेत
आंखों का रंग न केवल हमारी सुंदरता को दर्शाता है, बल्कि यह कई स्वास्थ्य समस्याओं का भी संकेत देता है। पीलिया और एनीमिया जैसी स्थितियों के साथ-साथ, आंखों के रंग में बदलाव किडनी, लिवर, और ब्लैडर में संक्रमण या कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों की ओर भी इशारा कर सकता है। आंखों के नीचे तरल या म्यूकस जमा होने से आई बैग बनते हैं, जो किडनी और लिवर की कार्यप्रणाली में कमी का संकेत हो सकते हैं।
कभी-कभी, ओवरी में किसी प्रकार की समस्या या सिस्ट होने पर भी आंखों के नीचे आई बैग बन सकते हैं। आइए जानते हैं कि आंखों का रंग किस बीमारी का संकेत दे सकता है।
1. लाल आंखें:
एलर्जी, वायरल बुखार, अत्यधिक स्क्रीन समय, आंखों में चोट, कॉर्नियल अल्सर, या अधिक शराब पीने के कारण आंखें लाल हो सकती हैं। यह कंजक्टिवाइटिस का संकेत भी हो सकता है।
2. सफेद आंखें:
वंशानुगत सफेद मोतिया, काला पानी, कॉर्नियल ओपेसिटी, या रेटिनो ब्लास्टोमा जैसे कैंसर के कारण आंखों का रंग सफेद हो सकता है। इसके अलावा, पलकों का सफेद होना रक्त में कोलेस्ट्रॉल बढ़ने का संकेत हो सकता है।
3. गोल्डन, भूरी और पीली आंखें:
विल्सन्स डिजीज या लिवर और पैंक्रियाज में गड़बड़ी के कारण आंखों की पलकों का रंग भूरा हो सकता है। पीलिया की स्थिति में आंखों का रंग पीला हो जाता है।
4. काली आंखें:
किडनी की खराबी के कारण आंखों का रंग गहरा काला हो सकता है।
5. पर्पल रंग की आंखें:
हृदय पर अधिक दबाव या रक्त संचार में गड़बड़ी के कारण आंखों का रंग पर्पल हो सकता है।