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आंखों के रंग से जानें स्वास्थ्य की स्थिति और बीमारियों के संकेत

आंखों का रंग केवल उनकी सुंदरता को नहीं दर्शाता, बल्कि यह कई स्वास्थ्य समस्याओं का संकेत भी हो सकता है। पीलिया, एनीमिया, किडनी और लिवर की समस्याओं के बारे में जानने के लिए आंखों के रंग पर ध्यान देना आवश्यक है। इस लेख में, हम जानेंगे कि लाल, सफेद, गोल्डन, भूरी, काली और पर्पल आंखें किस प्रकार की स्वास्थ्य समस्याओं का संकेत देती हैं।
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आंखों के रंग से जानें स्वास्थ्य की स्थिति और बीमारियों के संकेत

आंखों के रंग और स्वास्थ्य संबंधी संकेत

जानिए: आंखों का रंग केवल उनकी सुंदरता को नहीं दर्शाता, बल्कि यह कई स्वास्थ्य समस्याओं का भी संकेत देता है। पीलिया और एनीमिया जैसी स्थितियों के अलावा, आंखों का रंग किडनी, लिवर और ब्लैडर में संक्रमण या कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों के बारे में भी जानकारी प्रदान कर सकता है। आंखों के नीचे तरल या म्यूकस जमा होने से आई बैग बनते हैं, जो किडनी और लिवर की कार्यक्षमता में कमी का संकेत हो सकते हैं।


आंखों के रंग से जानें स्वास्थ्य की स्थिति और बीमारियों के संकेत


प्रोटेस्ट की समस्या या ओवरी में किसी प्रकार की परेशानी होने पर भी आई बैग बन सकते हैं। ओवरी में सिस्ट या यूटरस में गांठ होने पर भी यह समस्या उत्पन्न हो सकती है। आइए जानते हैं कि आंखों का रंग किस बीमारी का संकेत देता है।


1. लाल आंखें:
एलर्जी, वायरल बुखार, कंप्यूटर या मोबाइल का अधिक उपयोग, आंखों में चोट, कॉर्नियल अल्सर, और अधिक शराब का सेवन लाल आंखों का कारण बन सकते हैं। इससे कंजक्टिवाइटिस भी हो सकता है।


2. सफेद आंखें:
वंशानुगत सफेद मोतिया, काला पानी, कॉर्नियल ओपेसिटी, रेटिनोब्लास्टोमा कैंसर, और रक्त में कोलेस्ट्रॉल बढ़ने का संकेत सफेद आंखों से मिलता है।


3. गोल्डन, भूरी और पीली आंखें:
विल्सन्स डिजीज, लिवर और पैंक्रियाज में गड़बड़ी होने पर आंखों का रंग भूरा हो सकता है, जबकि पीलिया के कारण आंखों का रंग पीला हो जाता है।


4. काली आंखें:
किडनी की खराबी के कारण आंखों का रंग गहरा काला हो सकता है।


5. पर्पल रंग की आंखें:
हार्ट पर अधिक दबाव और रक्त संचार में गड़बड़ी होने पर आंखों का रंग पर्पल हो सकता है।