आयुर्वेदिक उपायों से कान दर्द और बहरेपन का इलाज

कान दर्द और बहरेपन की समस्या
हेल्थ कार्नर :- आजकल कान में दर्द और बहने की समस्या एक गंभीर चिंता का विषय बन गई है। यदि समय पर उचित उपचार नहीं किया जाता है, तो यह सुनने की क्षमता को प्रभावित कर सकता है या कभी-कभी कान का पर्दा भी फट सकता है। थोड़ी सी लापरवाही से व्यक्ति बहरा हो सकता है, लेकिन यदि प्राथमिक उपचार के रूप में आयुर्वेदिक उपाय अपनाए जाएं, तो बहरेपन से राहत मिल सकती है। आइए जानते हैं कुछ घरेलू आयुर्वेदिक नुस्खे।
कारण- कान में अचानक चोट लगना, तेज आवाज, स्नान करते समय पानी का कान में जाना या नुकीली वस्तुओं से कान के अंदर जमे मैल को निकालने से कान का पर्दा फट सकता है, जिससे बहरापन हो सकता है।
उपाय- 10 ग्राम पानी में 2 से 3 ग्राम गुड़ और 3 ग्राम शुंठी का चूर्ण मिलाकर एक-एक बूंद कान में डालने से धीरे-धीरे बहरापन कम होता है।
1. 250 मिलीलीटर पानी में 5 ग्राम सौंफ को उबालें जब तक पानी का चौथाई हिस्सा रह जाए। इस मिश्रण को 200 मिलीलीटर गाय के दूध और 10 ग्राम घी के साथ मिलाकर पीने से कान का दर्द और बहरेपन में राहत मिलती है।
2. यदि सुनाई कम हो रहा है, तो प्रतिदिन गाय का ताजा मूत्र कान में एक-एक बूंद डालने से सुनाई में सुधार होता है।
3. यदि कान में कोई कीड़ा चला जाए, तो सरसों के तेल में एक लहसुन की कली डालकर गर्म करें और ठंडा करके कान में एक से दो बूंद डालने पर वह कीड़ा बाहर आ जाता है।