आयुर्वेदिक जीवनशैली: सुबह के खाने का सही समय जानें

आयुर्वेद का महत्व
आयुर्वेद एक संतुलित जीवनशैली को अपनाने का मार्गदर्शन करता है। यह चिकित्सा पद्धति भोजन, जीवनशैली और शरीर के स्वास्थ्य से संबंधित कई पहलुओं पर ध्यान केंद्रित करती है। यदि आप आयुर्वेद के सिद्धांतों को अपने जीवन में शामिल करते हैं, तो आप अनेक बीमारियों से निजात पा सकते हैं। एक महत्वपूर्ण पहलू है सही समय पर भोजन करना। आयुर्वेदिक विशेषज्ञ तन्मय गोस्वामी ने सुबह उठने के बाद खाने का सही समय बताया है। इस स्वास्थ्य संबंधी सलाह का पालन करने से आप अपनी शारीरिक शक्ति को बनाए रख सकते हैं। उनका मानना है कि आयुर्वेद के छोटे-छोटे नियम जीवन को बेहतर बनाते हैं।
भोजन का सही समय
सवाल जो हर किसी के मन में है
भोजन हमारे लिए पोषण, ऊर्जा और शक्ति का स्रोत है। इसे खाने का एक सही समय होता है। इसलिए, कई लोगों के मन में यह सवाल उठता है कि सुबह उठने के बाद हमें कब खाना चाहिए। इसका उत्तर आयुर्वेद में स्पष्ट रूप से दिया गया है।
यम का महत्व
यम द्वारा होता है निर्णय
आयुर्वेद में दिन को घंटों में नहीं, बल्कि यम में विभाजित किया गया है। विशेषज्ञों के अनुसार, एक यम 3 घंटे का होता है और 24 घंटों में कुल 8 यम होते हैं। अक्सर लोग गलत यम में भोजन करते हैं। ध्यान रखें कि भोजन का अर्थ केवल खाना नहीं है।
व्यायाम से पहले का समय
व्यायाम से पहले कुछ न खाएँ
विशेषज्ञों का कहना है कि दिन की शुरुआत जागने के साथ होती है। इसके बाद के 3 घंटे तक कुछ नहीं खाना चाहिए। इस समय में आप व्यायाम कर सकते हैं, जूस और फल ले सकते हैं, लेकिन भोजन नहीं करना चाहिए। 99 प्रतिशत लोग इस समय पर पराठे, रोटी या अन्य खाद्य पदार्थ खाते हैं।
खाने का सही समय
दूसरे याम में खाना खाएँ
आपको दो याम तक भूखा नहीं रहना चाहिए। इसका मतलब है कि सुबह उठने के 3 घंटे बाद चौथे, पाँचवे या छठे घंटे में भोजन करना चाहिए। इस समय खाया गया भोजन पूरी तरह से पच जाता है और उसका रस निकल जाता है। यदि आप दो याम तक कुछ नहीं खाते हैं, तो आपकी शक्ति कम हो जाएगी।
सुबह की दिनचर्या
सबसे पहले क्या करें?
सुबह उठने के बाद आपको ऐसे कार्य करने चाहिए जो आपको शांति प्रदान करें। ब्रश करने और शौच करने के बाद, व्यायाम करना चाहिए, फिर स्नान, ध्यान और अंत में फल आदि का सेवन करना चाहिए।