आयुष्मान भारत योजना के तहत अस्पतालों पर कार्रवाई: मरीजों को मिलेगा न्याय

आयुष्मान भारत योजना अस्पतालों पर सख्त कार्रवाई
आयुष्मान भारत योजना के तहत अस्पतालों पर कार्रवाई: SHA ने उपचार से इनकार करने पर भेजा नोटिस, मरीजों को मिलेगा न्याय: राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण (SHA) ने हाल ही में एक निजी अस्पताल के खिलाफ कड़ा रुख अपनाया है, जिसने रेवाड़ी में एक योग्य मरीज को आयुष्मान कार्ड होने के बावजूद इलाज देने से मना कर दिया। मरीज ने इस मामले की शिकायत सीधे SHA को की थी।
SHA ने तुरंत अस्पताल को कारण बताओ नोटिस जारी किया। अस्पताल ने जवाब में कहा कि वे योजना के तहत कैशलेस उपचार प्रदान कर रहे हैं और मरीज को भर्ती कर लिया गया है। फिर भी, SHA ने स्पष्ट किया कि यदि भविष्य में किसी अस्पताल ने योजना के नियमों का उल्लंघन किया या मरीज को इलाज से वंचित किया, तो कठोर कार्रवाई की जाएगी।
निजी अस्पतालों का विरोध और SHA की प्रतिक्रिया
निजी अस्पतालों का विरोध और SHA का जवाब: उल्लेखनीय है कि 6 अगस्त 2025 की रात से कई निजी अस्पतालों ने आयुष्मान भारत योजना के तहत उपचार बंद कर दिया है। उनका कहना है कि सरकार से समय पर भुगतान नहीं मिल रहा है। यह विरोध अब आठवें दिन भी जारी है।
SHA का दावा है कि जून 2025 के दूसरे सप्ताह तक दाखिल किए गए सभी दावों का भुगतान कर दिया गया है। योजना की शुरुआत से अब तक निजी अस्पतालों को ₹3050 करोड़ से अधिक की राशि दी जा चुकी है।
मरीजों के लिए शिकायत की प्रक्रिया
मरीजों के लिए शिकायत की प्रक्रिया: यदि कोई अस्पताल आयुष्मान कार्डधारक मरीज को इलाज देने से इनकार करता है, तो मरीज कई माध्यमों से शिकायत दर्ज कर सकते हैं। वे सीएम विंडो, जन संवाद पोर्टल, सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म या SHA की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर शिकायत कर सकते हैं।
SHA की वेबसाइट पर टोल फ्री नंबर और ई-मेल भी उपलब्ध हैं, जिनके माध्यम से मरीज अपनी शिकायत दर्ज करा सकते हैं। यह कार्रवाई आयुष्मान भारत योजना को पारदर्शी और जवाबदेह बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। मरीजों को अब अधिकारपूर्वक इलाज मिलेगा और अस्पतालों की मनमानी पर लगाम लगेगी।