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आशा भोसले: संघर्ष और सफलता की कहानी

आशा भोसले, 92 वर्ष की आयु में भी अपनी आवाज से लोगों के दिलों पर राज करती हैं। उनके जीवन में कई संघर्ष और चुनौतियाँ आईं, जिनमें घरेलू हिंसा और करियर की अस्वीकृति शामिल हैं। जानें कैसे उन्होंने इन कठिनाइयों का सामना किया और संगीत की दुनिया में अपनी पहचान बनाई।
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आशा भोसले: संघर्ष और सफलता की कहानी

आशा भोसले का अद्भुत सफर

आशा भोसले का जन्मदिन: 92 वर्ष की आयु में भी अपनी मधुर आवाज से लोगों के दिलों पर राज करने वाली आशा भोसले का जीवन बेहद चुनौतीपूर्ण रहा है। वह प्रसिद्ध थिएटर कलाकार और शास्त्रीय गायक दीनानाथ मंगेशकर की संतान हैं और स्वर कोकिला लता मंगेशकर की छोटी बहन हैं। मात्र 9 वर्ष की आयु में उनके पिता का निधन हो गया, जिसके बाद परिवार का सहारा बनने के लिए उन्होंने लता मंगेशकर के साथ गाना शुरू किया।


आशा भोसले ने 1949 में 16 वर्ष की उम्र में लता मंगेशकर के सचिव गणपतराव भोसले से विवाह किया। परिवार इस रिश्ते से खुश नहीं था और लता ने तो अपनी बहन से संबंध भी तोड़ लिया। प्रारंभिक दिनों में यह रिश्ता आशा के लिए उम्मीद भरा था, लेकिन जल्द ही यह उनके जीवन का सबसे बड़ा संघर्ष बन गया।


आशा भोसले का घरेलू हिंसा का अनुभव

घरेलू हिंसा का शिकार हुईं थी आशा भोसले


गणपतराव का स्वभाव अत्यंत आक्रामक था। आशा भोसले पर न केवल मानसिक दबाव डाला गया, बल्कि शारीरिक हिंसा भी की गई। उनकी बायोग्राफी 'Asha Bhosle: A Life In Music' के अनुसार, गणपतराव कई बार उन पर हाथ उठाते थे, यहां तक कि गर्भावस्था के दौरान भी। उनके ससुराल वालों ने भी उन्हें स्वीकार नहीं किया। शादी के 11 वर्ष बाद, 1960 में यह रिश्ता समाप्त हो गया।


इस कठिन समय में आशा इतनी निराश हो गईं कि उन्होंने आत्महत्या करने की कोशिश की। उन्होंने किताब में लिखा, 'मैं मानसिक रूप से इतनी टूट गई थी कि मैंने एक पूरी बोतल नींद की गोलियां खा लीं। लेकिन मेरे बच्चों के लिए मेरा प्यार इतना बड़ा था कि उसने मुझे मरने नहीं दिया।' यह उनके जीवन का सबसे अंधकारमय समय था, लेकिन वह इससे बाहर निकल आईं।


करियर में चुनौतियों का सामना

करियर की शुरुआत में खाईं ठोकरें


आशा भोसले ने अपने करियर की शुरुआत में भी अस्वीकृति का सामना किया। आरजे अनमोल से बातचीत में उन्होंने बताया कि 1947 में एक रिकॉर्डिंग से उन्हें केवल इसलिए निकाल दिया गया क्योंकि उनकी आवाज को 'बेकार' कहा गया था। उन्होंने किशोर कुमार के साथ राज कपूर और नरगिस की फिल्म 'जान पहचान' के लिए गाना गाया था, लेकिन म्यूजिक डायरेक्टर खेमचंद प्रकाश को उनकी आवाज पसंद नहीं आई।


इन सभी संघर्षों के बावजूद, आशा भोसले ने खुद को हर शैली में ढाला। चाहे वह कैबरे हो, गजल, रोमांटिक गीत या शास्त्रीय संगीत – उन्होंने हर अंदाज में अपनी आवाज का जादू बिखेरा। वह 14 से अधिक भाषाओं में 12,000 से अधिक गीत गा चुकी हैं। बाद में उन्होंने संगीतकार आर.डी. बर्मन से विवाह किया और संगीत जगत की सबसे सफल जोड़ीदारों में से एक बनीं।