इटावा में कथावाचकों पर जातिगत हमले का मामला: जानें पूरी कहानी

सोशल मीडिया पर वायरल हुआ वीडियो
इटावा में दो कथावाचकों की पिटाई का एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से फैल रहा है। इस वीडियो में दिखाया गया है कि पहले उन्हें कथा के लिए बुलाया गया, फिर उनकी जाति पूछी गई और इसके बाद उन पर हमला किया गया। इतना ही नहीं, उनके सिर के बाल भी काट दिए गए और उन्हें वहां से भागने के लिए मजबूर किया गया। जब यह वीडियो वायरल हुआ, तो पूरे इलाके में हड़कंप मच गया। अब सवाल यह है कि ये कथावाचक कौन थे?
कथावाचकों की पहचान
यह घटना इटावा के बकेवर थाना क्षेत्र के दादरपुर गांव की है। यहां दो कथावाचक, मुकुट मणि सिंह यादव और संत सिंह यादव, कथा करने आए थे। मुकुट मणि ने बताया कि उन्हें पहले कथा के लिए बुलाया गया था। एक दिन कथा के बाद जब वे खाना खाने गए, तो वहां मौजूद लोगों ने उनकी जाति पूछनी शुरू कर दी।
गंभीर आरोपों का सामना
मुकुट मणि ने कहा कि जब उन्होंने बताया कि वे यादव हैं, तो कुछ लोगों ने उन पर आरोप लगाया कि वे ब्राह्मण होने का झूठा दावा कर रहे हैं। इसके बाद उनसे 25 हजार रुपये भी लिए गए और उनका सामान भी ले लिया गया। उन्होंने यह भी बताया कि उनकी गाड़ी की हवा निकाल दी गई और उन्हें मजबूर किया गया कि वे सभी के पैर छुएं। अंत में, उनकी चोटी काट दी गई।
संत सिंह का बयान
संत सिंह यादव ने कहा कि वे पहले एक स्कूल चलाते थे, लेकिन अब कथा करने लगे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि गांव वालों ने कहा कि वे ब्राह्मणों के गांव में कथा करने की हिम्मत कैसे कर सकते हैं। संत सिंह ने कहा कि उनके साथ अभद्रता हुई है।
पुलिस की कार्रवाई
पुलिस ने इस मामले में चार आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है, जिनमें से एक बाल काटने वाला आरोपी भी शामिल है।
समाज में जातिगत भेदभाव का मुद्दा
इटावा के बकेवर इलाके के दान्दरपुर गांव में भागवत कथा के दौरान कथावाचक और उनके सहायकों की जाति पूछने पर पीडीए की एक जाति बताने पर, कुछ वर्चस्ववादी और प्रभुत्ववादी लोगों ने साथ अभद्र व्यवहार करते हुए उनके बाल कटवाए, नाक रगड़वाई और इलाके की शुद्धि कराई।
हमारा संविधान जातिगत भेदभाव… pic.twitter.com/Pr11ohEp59
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) June 23, 2025