ईरान-इजराइल संघर्ष: परमाणु संयंत्र पर हमले की चेतावनी

ईरान के फोर्डो संयंत्र पर खतरा
ईरान-इजराइल संघर्ष: अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IAEA) के प्रमुख राफेल मारियानो ग्रॉसी ने सोमवार को वियना में एक आपात बैठक में चेतावनी दी कि अमेरिका द्वारा हाल ही में किए गए हवाई हमलों से ईरान के फोर्डो स्थित भूमिगत परमाणु संयंत्र को "भारी क्षति" पहुँचने की संभावना है। ग्रॉसी ने कहा, "विस्फोटक पेलोड और सेंट्रीफ्यूज की संवेदनशीलता को देखते हुए, बहुत बड़ी क्षति होने की आशंका है।"
शनिवार को अमेरिका ने ईरान के तीन प्रमुख परमाणु स्थलों, फोर्डो, नतांज़, और इस्फ़हान पर बी-2 स्पिरिट बमवर्षकों के माध्यम से हमले किए। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर इसकी पुष्टि करते हुए कहा, "हमने ईरान के तीन परमाणु स्थलों पर सफलतापूर्वक हमला किया है, जिसमें फोर्डो, नतांज़ और इस्फ़हान शामिल हैं। सभी विमान अब ईरान के हवाई क्षेत्र से बाहर हैं। फोर्डो पर बमों का पूरा पेलोड गिराया गया है।" उन्होंने आगे कहा, "हमारे महान अमेरिकी योद्धाओं को बधाई। अब शांति का समय है!" ट्रम्प ने एक अन्य पोस्ट में दावा किया कि फोर्डो परमाणु स्थल "खत्म हो गया है।"
फोर्डो पर फिर से हमले की खबर
ईरान के सरकारी टेलीविज़न ने सोमवार को बताया कि फोर्डो में भूमिगत परमाणु सुविधा पर एक बार फिर हमला किया जा रहा है। हालांकि, इसकी स्वतंत्र पुष्टि नहीं हो सकी है। ग्रॉसी ने इस स्थिति पर चिंता जताते हुए कहा, "फिलहाल कोई भी यह नहीं कह सकता कि फोर्डो में भूमिगत क्षति कितनी गंभीर है।"
IAEA की अपील और ईरान का रुख
ग्रॉसी ने सभी पक्षों से संयम बरतने और वार्ता की मेज पर लौटने का आग्रह किया। उन्होंने जोर देकर कहा कि IAEA को ईरान के परमाणु स्थलों तक तत्काल पहुंच दी जानी चाहिए ताकि उच्च संवर्धित यूरेनियम भंडार, जिसमें "60 प्रतिशत तक संवर्धित 400 किलोग्राम" शामिल है, का हिसाब लगाया जा सके। ग्रॉसी ने यह भी बताया कि ईरान ने 13 जून को उन्हें पत्र लिखकर सूचित किया था कि वह परमाणु उपकरणों और सामग्रियों की सुरक्षा के लिए "विशेष उपाय" करेगा।