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ईरान की गाजा पर ट्रंप की शांति योजना पर प्रतिक्रिया

ईरान ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की गाजा के लिए पेश की गई शांति योजना पर अपनी आधिकारिक प्रतिक्रिया दी है। ईरान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता इस्माइल बाघई ने कहा कि उनका देश गाजा में हो रही हिंसा को समाप्त करने के लिए किसी भी पहल का समर्थन करता है, लेकिन उन्होंने चेतावनी दी कि इस योजना में कई खतरनाक पहलू छिपे हुए हैं। ईरान ने यह भी स्पष्ट किया कि गाजा की स्थिति पर निर्णय लेने का अधिकार केवल फिलिस्तीनियों का है। जानें ईरान का रुख और इस मुद्दे पर उनके विचार।
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ईरान की गाजा पर ट्रंप की शांति योजना पर प्रतिक्रिया

ईरान का आधिकारिक बयान

ईरान-इजराइल विवाद: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा गाजा के लिए पेश की गई शांति योजना पर ईरान ने अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। ईरान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता इस्माइल बाघई ने कहा कि उनका देश किसी भी ऐसी पहल का समर्थन करता है, जो गाजा में हो रही हिंसा और निर्दोष लोगों की हत्या को समाप्त कर सके। हालांकि, उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि इस योजना में कई खतरनाक पहलू छिपे हुए हैं, जो भविष्य में गंभीर समस्याएं उत्पन्न कर सकते हैं।


फिलिस्तीनी अधिकारों पर जोर

ईरान ने यह स्पष्ट किया कि गाजा की स्थिति पर निर्णय लेने का अधिकार केवल फिलिस्तीनियों का है। बाघई ने कहा कि ईरान का उद्देश्य केवल गाजा में खूनखराबा और निर्दोष लोगों की मौत को रोकना है। उन्होंने चेतावनी दी कि ट्रंप की यह पहल इजरायल के लिए नए अवसर पैदा कर सकती है, जिससे क्षेत्रीय तनाव और बढ़ सकता है।


इस्माइल बाघई की चेतावनी

बाघई ने अपने बयान में कहा कि ट्रंप की योजना में ऐसे बिंदु शामिल हैं, जो गाजा की मौजूदा स्थिति को और जटिल बना सकते हैं। उन्होंने संकेत दिया कि बिना फिलिस्तीनियों की सहमति के किसी भी अंतरराष्ट्रीय योजना को लागू करना कठिन होगा। ईरानी प्रवक्ता ने यह भी कहा कि इजरायल इस प्रस्ताव का उपयोग अपने हितों के लिए कर सकता है, इसलिए इस योजना को लागू करने में सावधानी बरतने की आवश्यकता है।


नागरिकों की सुरक्षा की आवश्यकता

ईरान ने फिर से अपने रुख को दोहराया कि गाजा में शांति तभी संभव है जब वहां हो रही हिंसा को रोका जाए और नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए। बाघई ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय को इस दिशा में ठोस कदम उठाने चाहिए और किसी भी प्रयास को विफल करना चाहिए, जिससे इजरायल को अनुचित लाभ मिले। इस अवसर पर, ईरानी प्रवक्ता ने परमाणु समझौते पर भी टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि ईरान का फिलहाल उन यूरोपीय देशों के साथ बातचीत करने का कोई इरादा नहीं है, जिन्होंने हाल ही में तेहरान पर नए प्रतिबंध लगाए हैं।


प्रतिबंधों का आकलन

बाघई ने कहा कि ईरान वर्तमान में लगाए गए प्रतिबंधों के परिणामों और प्रभावों का आकलन कर रहा है। उन्होंने यह भी जोड़ा कि पश्चिमी देशों द्वारा लगाए गए प्रतिबंधों का उद्देश्य ईरान को दबाव में लाना है, लेकिन तेहरान किसी भी कीमत पर झुकेगा नहीं। ईरान का मानना है कि अमेरिका और उसके सहयोगी देशों की नीतियां क्षेत्र में अस्थिरता को बढ़ा रही हैं। यह बयान ऐसे समय में आया है जब गाजा में लगातार हिंसा और संघर्ष जारी है और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर शांति बहाल करने की कोशिशें तेज हो गई हैं।