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उत्तर प्रदेश में नया फोरलेन हाईवे: मुरादाबाद से अलीगढ़ तक की यात्रा होगी आसान

उत्तर प्रदेश में 150 किलोमीटर लंबे फोरलेन हाईवे का निर्माण कार्य शुरू हो गया है, जो मुरादाबाद को अलीगढ़ से जोड़ेगा। यह नया मार्ग जाम और यातायात की समस्याओं को समाप्त करेगा। एनएचएआई द्वारा किए गए सर्वेक्षण के अनुसार, यह सड़क ग्रीनफील्ड प्रोजेक्ट के तहत विकसित की जाएगी, जिसमें 31 गांवों की भूमि का अधिग्रहण किया जाएगा। जानें इस महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट के बारे में और कैसे यह पूर्वी और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के बीच यात्रा को आसान बनाएगा।
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उत्तर प्रदेश में नया फोरलेन हाईवे: मुरादाबाद से अलीगढ़ तक की यात्रा होगी आसान

उत्तर प्रदेश में फोरलेन हाईवे का निर्माण


UP News: उत्तर प्रदेश में 150 किलोमीटर लंबे एक नए फोरलेन हाईवे के लिए नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ़ इंडिया ने सर्वेक्षण का कार्य पूरा कर लिया है। अब इस हाईवे की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार की जा रही है। वर्तमान में यह मार्ग टू लेन होने के कारण वाहन चालकों को जाम और अन्य समस्याओं का सामना करना पड़ता है। लेकिन चार लेन बनने के बाद इन समस्याओं का समाधान हो जाएगा। मुरादाबाद को अलीगढ़ से जोड़ने के लिए एनएचएआई 150 किलोमीटर लंबा फोरलेन हाईवे बनाएगा, जो बदायूं में मेरठ-प्रयागराज गंगा एक्सप्रेसवे से जुड़ेगा।


गाड़ियों का दबाव और डीपीआर की प्रक्रिया

गाड़ियों का बहुत ज्यादा दबाव

इंजीनियरों की एक टीम इस सड़क की डीपीआर तैयार कर रही है। रिपोर्ट तैयार होते ही इसे केंद्र सरकार को मंजूरी के लिए भेजा जाएगा। यह सड़क ग्रीनफील्ड प्रोजेक्ट के तहत बनाई जाएगी। मुरादाबाद से अलीगढ़ तक की मौजूदा सड़क दो लेन की है, जिस पर गाड़ियों का अत्यधिक दबाव रहता है। लोगों की मांग और जनप्रतिनिधियों की पहल पर केंद्र सरकार ने इसे फोरलेन बनाने के निर्देश एनएचएआई को दिए हैं। एनएचएआई ने मुरादाबाद से अलीगढ़ और बिजनौर तक का सर्वे पूरा कर लिया है।


सड़क के लिए भूमि अधिग्रहण

31 गांवों की जमीन ली जाएगी

यह सड़क ग्रीनफील्ड परियोजना के तहत विकसित की जाएगी, जिसके लिए भूमि का अधिग्रहण भी किया जाएगा। मुरादाबाद-अलीगढ़ सड़क को आगे बढ़ाकर बिजनौर तक ले जाया जाएगा। साथ ही, यह मार्ग बदायूं में गंगा एक्सप्रेसवे से भी जुड़ेगा। इस प्रोजेक्ट से पूर्वी और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के बीच यात्रा करना आसान होगा। इस सड़क के लिए अलीगढ़ जिले के 31 गांवों की भूमि का अधिग्रहण किया जाएगा। बीच में डिवाइडर पर पौधे भी लगाए जाएंगे ताकि मार्ग हरियाली से भरा हो।