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उत्तरकाशी में धराली त्रासदी: राहत कार्य जारी, 300 लोग अब भी फंसे

उत्तरकाशी के धराली और हर्षिल गांव में हालिया त्रासदी के बाद राहत कार्य जारी है। सेना और अन्य एजेंसियों ने 650 लोगों को सुरक्षित निकाला है, लेकिन लगभग 300 लोग अब भी फंसे हुए हैं। स्थानीय लोगों की चिंता बढ़ रही है, क्योंकि कई मजदूर लापता हैं। मुख्यमंत्री धामी ने राहत कार्य की निगरानी की है और प्रभावितों को आश्वासन दिया है कि सभी को जल्द सुरक्षित निकाला जाएगा।
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उत्तरकाशी में धराली त्रासदी: राहत कार्य जारी, 300 लोग अब भी फंसे

उत्तरकाशी में धराली त्रासदी

धराली त्रासदी उत्तरकाशी: उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में धराली और हर्षिल गांव इस समय भय और आशा के बीच झूल रहे हैं। सेना, आईटीबीपी, एनडीआरएफ और प्रशासन की संयुक्त टीमों ने दो दिनों की मेहनत के बाद 650 लोगों को सुरक्षित निकाल लिया है, लेकिन अब भी लगभग 300 लोगों के फंसे होने की आशंका बनी हुई है। यहां प्राकृतिक आपदा का असर इतना गंभीर है कि चारों ओर मलबा, टूटी सड़कें और तबाही के निशान नजर आ रहे हैं।


बचाव कार्य की चुनौतियाँ

बचाव दलों के सामने केवल पहाड़ी इलाकों की कठिनाइयाँ नहीं हैं, बल्कि समय की कमी भी एक बड़ी चुनौती है। डॉग स्क्वॉड, ड्रोन और ग्राउंड पेनिट्रेटिंग रडार का उपयोग करके लापता लोगों की खोज जारी है।


मोबाइल और इंटरनेट सेवा बहाल

मोबाइल और इंटरनेट सेवा बहाल

इस बीच, हर्षिल घाटी में मोबाइल और इंटरनेट सेवाएँ फिर से शुरू कर दी गई हैं, जिससे राहत कार्य में कुछ मदद मिली है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी तीन दिनों से उत्तरकाशी में मौजूद हैं और राहत अभियान की निगरानी कर रहे हैं।


राहत कार्य की गति

धराली और हर्षिल में राहत कार्य

आपदा के बाद धराली और हर्षिल में सेना, आईटीबीपी, एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें दिन-रात काम कर रही हैं। गुरुवार को 450 और शुक्रवार को 250 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुँचाया गया। हालांकि, एसडीआरएफ के अनुसार अब भी 9 सैनिक और 7 अन्य लोग लापता हैं। स्थानीय लोगों का मानना है कि यह संख्या और भी अधिक हो सकती है।


भविष्य की चिंता

सड़कें टूटीं, होटल ढहे, मजदूर लापता

धराली में होटलों का निर्माण कार्य चल रहा था, जिसमें बिहार और नेपाल के मजदूर काम कर रहे थे। आपदा के समय दो दर्जन से अधिक लोग इन होटलों में मौजूद थे, जिनमें से कई का अब तक कोई पता नहीं चला है। टूटी सड़कें राहत कार्य में सबसे बड़ी बाधा बन गई हैं।


तकनीकी सहायता

तकनीक और उम्मीद का सहारा

बचाव दलों ने खोज के लिए उन्नत तकनीकों का सहारा लिया है-डॉग स्क्वॉड, ड्रोन और भूमिगत रडार की मदद से मलबे के नीचे दबे लोगों का पता लगाया जा रहा है। बिजली आपूर्ति बाधित होने पर जनरेटर्स का इंतजाम किया गया है ताकि संचार और राहत कार्य प्रभावित न हों।


सीएम का आश्वासन

सीएम धामी का संदेश

मुख्यमंत्री धामी ने विश्वास दिलाया है कि बाकी बचे लोगों को भी जल्द सुरक्षित निकाला जाएगा। उन्होंने कहा कि इस कठिन समय में सरकार हर प्रभावित व्यक्ति के साथ खड़ी है।